नई दिल्ली. भारत ने गुरुवार को रूस से परमाणु चालित हमलावर पनडुब्बी को दस साल के लिए पट्टे पर लेने के समझौते पर हस्ताक्षर किए। भारत को यह पनडुब्बी तीन अरब डॉलर करीब 20 हजार करोड़ रुपये में दस साल के लिए मिलेगी। महीनों चली बातचीत के बाद दोनों देशों की सरकारों के बीच यह समझौता हुआ है। समझौते के अनुसार रूस अकुला श्रेणी की पनडुब्बी भारतीय नौसेना को सन 2025 में देगा। भारत में यह तृतीय चक्र के नाम से जानी जाएगी। यह रूस से भारत को पट्टे पर मिलने वाली तीसरी पनडुब्बी होगी। इससे पहले भारत ने 1988 में परमाणु शक्ति वाली पनडुब्बी आइएनएस चक्र तीन साल के पट्टे पर रूस से ली थी। दूसरी आइएनएस चक्र पनडुब्बी 2012 में दस साल के लिए रूस से ली गई। चक्र द्वितीय का पट्टा 2022 में खत्म होगा। भारत सरकार उसका पट्टा बढ़वाने पर भी विचार कर रही है। ताजा सौदे के बारे अन्य बातें बताने से रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने इन्कार कर दिया। हिंद महासागर में चीन की बढ़ती ताकत के मद्देनजर भारत भी अपनी समुद्री ताकत की ओर ज्यादा ध्यान दे रहा है। चक्र तीन के लिए सौदा भारत और रूस के एके-203 राइफलों के संयुक्त उत्पादन की इकाई का अमेठी में उद्घाटन के ठीक बाद हुआ है। इससे पहले अक्टूबर 2018 में दोनों देशों के बीच एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम की खरीद का सौदा हुआ था। इससे साबित होता है कि भारत के रक्षा मामलों में रूस अभी भी बड़ा साझीदार बना हुआ है।