Jaipur. नई पेंशन योजना (new pension scheme) (NPS) के तहत राज्य सरकारों द्वारा जोड़े गए नए सदस्यों की संख्या अप्रैल से नवंबर के दौरान 11 फीसदी घटकर चार साल के निचले स्तर पर आ गई। कई राज्यों ने पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को वापस लाने की घोषणा की है और इस आंकड़े से भी उसका संकेत मिलता है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (national statistics office) (एनएसओ) द्वारा जारी नए आंकड़ों के अनुसार अप्रैल से नवंबर की अवधि में राज्य सरकारों के महज 2,85,226 नए कर्मचारी एनपीएस में शामिल हुए। एक साल पहले की समान अवधि में यह आंकड़ा 321,255 कर्मचारियों का था।
ग्राहकों की संख्या 2,25,652 रही
इस साल अप्रैल से नवंबर के दौरान एनपीएस में शामिल होने वाले राज्य सरकार के नए कर्मचारियों की संख्या वित्त वर्ष 2019 के बाद से सबसे कम है। एनएसओ ने 2019 से ही औपचारिक क्षेत्र में रोजगार सृजन के उपाय के रूप में मासिक एनपीएस आंकड़े जारी करना शुरू किया था। इससे पहले वैश्विक महामारी से प्रभावित वित्त वर्ष 2021 की अप्रैल से नवंबर की अवधि में ग्राहकों की संख्या 2,25,652 रही थी।
हड़बड़ी के कारण राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली पर दबाव
राष्ट्रीय लोक वित्त एवं नीति संस्थान (National Institute of Public Finance and Policy) के सहायक प्रोफेसर मुकेश आनंद ने कहा कि एनपीएस में शामिल होने वाले नए सदस्यों की संख्या में गिरावट की मुख्य वजह सार्वजनिक क्षेत्र की भर्तियों में कमी और कुछ राज्यों द्वारा पुरानी पेंशन योजना को वापस लाने का निर्णय है। आनंद ने कहा, ‘पुरानी पेंशन योजना वापस लागू करने के लिए कर्मचारियों के बीच बढ़ती हड़बड़ी के कारण राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली पर दबाव बढ़ रहा है। राजस्थान जैसे राज्यों द्वारा पुरानी पेंशन की ओर वापसी की घोषणा से नए ग्राहकों की संख्या में गिरावट आ रही है।’
राजस्थान, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, झारखंड और पंजाब में पुरानी पेंशन योजना लागू
पिछले साल राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 1 अप्रैल से पुरानी पेंशन योजना लागू करने की घोषणा की थी। विपक्षी दलों द्वारा शासित अन्य राज्यों जैसे छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, झारखंड और पंजाब में भी पुरानी पेंशन योजना लागू करने की घोषणा की गई है। आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए कांग्रेस ने कर्नाटक में भी सत्ता हासिल होने पर पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की घोषणा की है। महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को एक जनसभा में कहा कि वह पुरानी पेंशन योजना के खिलाफ नहीं हैं और इस मुद्दे पर वित्त विभाग एवं सरकारी कर्मचारियों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करेंगे।