नई दिल्ली। कोरोना की विश्वव्यापी महामारी के बाद वैश्विक बाजार में कृषि जिंसों की निकलने वाली मांग को पूरा करने लेकर सरकार पूरी तरह गंभीर है और इसके लिए नियमों में बदलाव किया जाएगा। कृषि उत्पादों के इंडियन ब्रांड को विकसित करने और इसके जरिए वैश्विक बाजार तक पहुचाने की तैयारी की जा रही है। कृषि जिंसों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए जिंसवार एक्सपोर्ट प्रोमोशन काउंसिल का गठन किया जाएगा। कृषि क्षेत्र की चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए गहन विचार-विमर्श करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई।
उपज की गुणवत्ता बेहतर की जा सके
वैश्विक बाजारों में मांग आधारित खेती करने और उपज की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मार्केटिंग के लिए अलग निर्यात बोर्ड के गठन तक का प्रस्ताव है। कृषि जिंस विशेष के लिए गठित निर्यात प्रोमोशन काउंसिल एग्री क्लस्टर और कांट्रैक्ट खेती के प्रावधान को लागू करने में किसानों की मदद करेंगे और अंतरराष्ट्रीय बाजार की जरूरतों को समझते हुए खेती को प्रोत्साहित किया जाएगा। खेती को लेकर सभी तरह के अडचनों को दूर करने पर भी सरकार विचार कर रही है। प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता वाली बैठक में कृषि क्षेत्र में आधुनिक तकनीक के उपयोग पर जोर दिया गया, जिससे लागत घटाई जा सके और उपज की गुणवत्ता बेहतर की जा सके। घरेलू किसानों को वैश्विक स्तर के कृषि सुविधाओं से लैस किया जायेगा।
ई-नाम को प्लेटफॉर्म को विकसित करने पर जोर
फसलों में जैव-प्रौद्योगिकी को लेकर चल रहे परस्पर विरोधी विचारों के साथ इनपुट लागत में आने वाली कमी पर भी विचार किया गया। इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हिस्सा लिया। बैठक में कृषि विपणन, अतिरिक्त उपज के प्रसंस्करण उसके प्रबंधन के साथ किसानों को अति रियायती दर पर ऋण मुहैया कराने जैसे विषयों पर विचार किया गया और साथ ही ई-नाम को प्लेटफॉर्म को और विकसित करने पर जोर दिया गया।