नई दिल्ली| चावल के निर्यात पर किसी तरह का अंकुश लगाने की सरकार की अभी कोई योजना नहीं है और घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए इस अनाज का पर्याप्त बफर स्टॉक देश के पास है।
एक सरकारी सूत्र ने यह जानकारी दी है। सूत्र ने कहा कि चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के बारे में कुछ चर्चा जरूर हुई है, लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। सरकार द्वारा अभी किसी तरह का अंकुश लगाने की संभावना नहीं है। चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चावल उत्पादक भारत वैश्विक व्यापार में 40 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखता है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, देश ने वित्त वर्ष 2021-22 में 2.12 करोड़ टन चावल का निर्यात किया, जिसमें से 39.4 लाख टन बासमती चावल था। इसी अवधि में देश ने 6.11 अरब डॉलर मूल्य के गैर-बासमती चावल का भी निर्यात किया।
देश ने वर्ष 2021-22 में 150 से अधिक देशों को गैर-बासमती चावल का निर्यात किया। कुछ राज्यों में कम बारिश के कारण इस खरीफ बुवाई के मौसम में अब तक धान का रकबा छह प्रतिशत घटकर 367.55 लाख हेक्टेयर रह गया है। ऐसे में चिंता जताई जा रही है कि फसल वर्ष 2022-23 (जुलाई-जून) में चावल का उत्पादन घट सकता है। व्यापारियों को डर है कि मौजूदा स्थिति केंद्र को चावल के निर्यात पर कुछ अंकुश लगाने के लिए मजबूर कर सकती है जैसा कि गेहूं के मामले में हुआ है।