उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अनुसार दिसंबर अंत तक प्याज की कीमतों में नरमी आने की उम्मीद है। इस दौरान घरेलू फसल की आवक तो बनेगी ही, साथ ही आयातित प्याज की खेत भी पहुंचनी शुरू हो जायेगी। प्याज की आपूर्ति बढ़ाने के लिए एमएमटीसी ने गुरुवार को अतिरिक्त 12,660 टन प्याज के आयात का अनुबंध किया है। अत: अब तक करीब 30,000 टन प्याज के आयात का अनुबंध किया जा चुका है। साथ ही सरकार ने एमएमटीसी को 15,000 टन अतिरिक्त प्याज के लिए और निविदा जारी करने का निर्देश दिया है। इसके तहत 5,000-5,000 टन की तीन निविदाएं जारी की जायेंगी।
प्याज के खुदरा दाम अभी भी 100 रुपये से उपर
प्याज के खुदरा दाम अभी भी कई शहरों में 100 रुपये प्रति किलो से उंचे बने हुए हैं। उपभोक्ता मामले मंत्रालय के अनुसार उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में प्याज का दाम शुक्रवार को 110 रुपये, हरिद्वार में 100 रुपये, शिमला में 100 रुपये, जगदलपुर में 120 रुपये और अगरतला में 120 रुपये प्रति किलो तथा पोर्ट ब्लेयर में 140 रुपये प्रति किलो रहे। बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (एनएचआरडीएफ) के अनुसार महाराष्ट्र की पीपलगांव मंडी में थोक में अच्छी क्वालिटी के प्याज का भाव शुक्रवार को 80.25 रुपये प्रति किलो रहा जबकि लासलगांव मंडी में इसका भाव 77.01 रुपये और पुणे मंडी में 90 रुपये प्रति किलो रहा।
केंद्र सरकार ने हाल ही में घटाई थी स्टॉक लिमिट
हाल ही में केंद्र सरकार ने प्याज की भंडारण सीमा में और संशोधन किया था, खुदरा विक्रेता 5 टन की बजाय सिर्फ 2 टन प्याज का भंडारण कर सकेंगे जबकि इससे पहले खुदरा प्याज विक्रेताओं के लिए स्टॉक होल्डिंग लिमिट को 10 टन से घटाकर 5 टन (Stock holding limit for retail onion sellers reduced from 10 tonnes to 5 tonnes) किया था। इस दौरान होलसेल विक्रेताओं के लिए प्याज की स्टॉक करने की लिमिट को 50 टन से घटाकर 25 टन कर दिया था।
उत्पादक राज्यों में बेमौसम बारिश से प्याज की फसल को नुकसान
कृषि मंत्रालय के अनुसार उत्पादक राज्यों में बेमौसम बारिश और बाढ़ से प्याज की फसल को भारी नुकसान हुआ है। चालू खरीफ और लेट खरीफ में इसका उत्पादन घटकर 52.06 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल खरीफ और लेट खरीफ में उत्पादन 69.91 लाख टन का हुआ था। मंत्रलाय के अनुसार फसल सीजन 2018-19 में प्याज के उत्पादन का अनुमान 234.85 लाख टन का था, जो इसके पिछले साल के 232.62 लाख टन से ज्यादा ही था।