मुंबई: कई अस्पतालों की शृंखला चलाने वाले कॉर्पोरेट अस्पतालों को लगता है कि आय के स्रोत के रूप में मेडिकल टूरिज्म वित्त वर्ष 2023 की दूसरी तिमाही से कोविड के पहले के स्तर पर आ जाएगा।
बड़े नेटवर्क वाले अस्पतालों की कुल आय में मेडिकल टूरिज्म की हिस्सेदारी तकरीबन 10 फीसदी होती है और महामारी के दौरान अंतरराष्ट्रीय यात्राओं पर बंदिशें लगने से यह सेगमेंट ठप पड़ गया था। लेकिन अब इसमें सुधार की संभावना दिख रही है।
फोर्टिस हेल्थकेयर के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी आशुतोष रघुवंशी ने कहा, ‘वित्त वर्ष 2022 की तीसरी तिमाही में मेडिकल टूरिज्म में अपेक्षाकृत सुधार हुआ था लेकिन अगर आप आंकड़ों का विश्लेषण करें तो यह कोविड के पहले के स्तर पर अभी नहीं लौट पाया है। हमारे नेटवर्क की 10 फीसदी आय अंतरराष्ट्रीय मरीजों से होती है जो पिछली तिमाही में करीब 5 से 6 फीसदी रही थी।‘
उन्होंने स्वीकार किया कि कोविड की तीसरी लहर के आने से जनवरी में ऐसे मरीजों की संख्या एक बार फिर घट गई। हालांकि रघुवंशी ने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि अब इसमें तेजी से सुधार होगा। मार्च तक स्थिति कुछ हद तक सामान्य हो जाएगी और अगले कुछ महीनों में मेडिकल टूरिज्म से होने वाली आय कोविड से पहले के स्तर पर पहुंच जाएगी। अगले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में इस क्षेत्र से अस्पताल की आय करीब 10 फीसदी के स्तर पर लौट आएगी।‘
अन्य अस्पतालों ने भी इस पर सहमति जताई। मनिपाल हॉस्पिटल्स के प्रबंध निदेशक दिलीप जोस ने कहा, ‘महामारी से पहले हमारी कुल आय में मेडिकल वैल्यू यात्रा की हिस्सेदारी करीब 10 फीसदी थी। कोविड के पहले चरण में यह शून्य हो गई। उसके बाद से इसमें थोड़ा सुधार हुआ और स्थिति करीब 50 फीसदी सामान्य हुई है।‘
जोस ने कहा कि अगर अंतरराष्ट्रीय उड़ानें नियमित तौर पर शुरू होती हैं और कोविड-19 संबंधी बंदिशें और कम होती हैं तो अगले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही तक इस मद से आय कोविड के पूर्व स्तर जितनी होने लगेगी।
विदेशी मरीजों की अग्रिम बुकिंग या पूछताछ में तेजी आने से भी कॉर्पोरेट अस्पताल आशान्वित हैं। रघुवंशी ने कहा, ‘ये सभी विभिन्न माध्यमों के जरिये आते हैं और उनके आने से पहले पूछताछ और बातचीत हो जाती है। इसी को देखते हुए हमें मेडिकल टूरिज्म में तेजी से सुधार आने की संभावना दिख रही है।‘