मुंबई। भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India) (आरबीआई) (RBI) ने आज कहा कि बैंकों के प्रवर्तक या शेयरधारक प्रबंध निदेशक और सीईओ के पद पर 12 साल से अधिक नहीं रह सकते, लेकिन केंद्रीय बैंक असाधारण परिस्थितियों में तीन साल का विस्तार दे सकता है। यह पिछले साल जून में जारी प्रारूप दिशानिर्देशों में सुधार है, जिनमें आरबीआई ने बैंकों के एमडी और सीईओ (MD & CEO of Banks) के रूप में प्रवर्तक शेयरधारकों अधिकतम कार्यकाल 10 साल रखने का प्रस्ताव रखा था।
पेशेवर सीईओ 15 साल अपने पद पर
आरबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित बैंकों में कॉरपोरेट गवर्नेंस के दिशानिर्देशों के मुताबिक पेशेवर सीईओ 15 साल अपने पद पर बने रह सकते हैं। वे यह अवधि पूरी करने के बाद कुछ समय के विराम के बाद फिर से पद प्राप्त करने के लिए पात्र बन सकते हैं। हालांकि उनके लिए यह जरूरी होगा कि वे विराम की इस अवधि में बैंक या इस समूह की किसी कंपनी में किसी भी हैसियत से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से नहीं जुड़े रहेंगे।
बैंक में एमडी एवं सीईओ और निदेशक की अधिकतम आयु 70 साल
ये नियम निजी बैंकों, लघु वित्त बैंकों और विदेशी बैंकों के पूर्ण स्वामित्व वाले सहायक बैंकों पर लागू होंगे। आरबीआई अन्य बैंकों के लिए अलग से नियम जारी करेगा। किसी भी बैंक में एमडी एवं सीईओ और पूर्ण कालिक निदेशक की अधिकतम आयु 70 साल होगी। अगर बोर्ड चाहे तो इससे कम उम्र भी तय कर सकता है। आरबीआई ने कहा, ‘एमडी एवं सीईओ या पूर्ण कालिक निदेशक, जो प्रवर्तक या प्रमुख हिस्सेदार भी है, वह इन पदों पर 12 साल से अधिक नहीं रह सकता है। हालांकि विशेष परिस्थितियों में आरबीआई अपने विवेक से ऐसे एमडी एवं सीईओ या पूर्ण कालिक निदेशक को 15 साल तक पद पर बने रहने की मंजूरी दे सकता है।’
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