मुंबई। शेयर बाजार (Indian Share market) में बेंचमार्क सूचकांक भले ही अपने सबसे ऊंचे स्तर से 13 फीसदी नीचे हैं मगर उनका मूल्यांकन पिछले 19 साल के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया है। कोरोना वायरस (Corona Virus) के समय धड़ाम हुआ बाजार (Share Market) जितने नीचे पहुंचा था, हाल की तेजी ने उसे वहां से 42 फीसदी ऊपर पहुंचा दिया है। कई शेयर तो काफी कम वक्त में ही सस्ते से महंगे हो गए हैं। बाजार में ऐसा बदलाव कभी देखा ही नहीं गया और दलाल पथ भी इसे देखकर हैरत (broker path also shocked) में है।
इस वजह से बाजार दीर्घावधि औसत से ऊपर
पांच दिनों की लगातार तेजी के बाद निफ्टी 50 सूचकांक आज 10,800 के स्तर पर बंद हुआ, जो 6 मार्च (जब लॉकडाउन लागू नहीं हुआ था) के बाद इसका उच्चतम स्तर है। शेयर भाव के लिहाज से बाजार ने अच्छी वापसी की है, लेकिन विश्लेषकों का कहना है कि कंपनियों की आय के अनुमान में अच्छी खासी कमी की गई है। इसी वजह से बाजार अपने दीर्घावधि औसत से ऊपर पहुंच गया है। इस समय निफ्टी (Nifty) अगले 12 महीने की आय के अनुमान से 20 गुना पर कारोबार कर रहा है, जो 2010 के बाद सबसे अधिक है। इसके साथ ही निफ्टी का प्राइस-टु-अर्निंग (पीई) अनुपात भी दीर्घावधि औसत से 16.5 गुना से अधिक है।
आय के अनुमान से 19.8 गुना पर कारोबार कर रहा निफ्टी
नोमुरा में इंडिया इक्विटी रिसर्च के प्रमुख सायन मुखर्जी ने कहा, ‘हालिया तेजी के बाद निफ्टी एक साल आगे के आय के अनुमान से 19.8 गुना पर कारोबार कर रहा है, जो एक दशक में सबसे ज्यादा है। आय प्रतिफल और बॉन्ड प्रतिफल के बीच अंतर भी कम हुआ है और अब यह हमारे आकलन के हिसाब से उचित स्तर पर है। कोविड-19 (Covid-19) के मामले बढऩे और आर्थिक वृद्घि में नरमी बने रहने के कारण हम सोच-समझकर चुनेंगे।’ अप्रैल के बाद से बाजार और आय अनुमान एक-दूसरे से उलट चल रहे हैं।
आय के अनुमान में कटौती वैश्विक वित्तीय संकट से कहीं ज्यादा
मुखर्जी ने कहा, ‘आम राय के अनुसार वित्त वर्ष 2021 में आय का अनुमान वित्त वर्ष के आरंभ में लगाए गए अनुमान से 27 फीसदी कम है। आय के अनुमान में कटौती वैश्विक वित्तीय संकट से कहीं ज्यादा की गई है। वित्त वर्ष 2022 के लिए आय के अनुमान भी अप्रैल की तुलना में 16 फीसदी नीचे आ गए हैं।’