जयपुर। ब्रिटेन में कोरोना वायरस (Corona VIrus) के नए स्वरूप वीयूआइ 202012/01 (VUI 202012/01 corona virus) का तेजी से प्रसार होने और वहां यात्राओं पर पाबंदी लगाए जाने से पूरे यूरोप में (Restrictions on travel to Europe) निवेशकों (Investors) ने घबराहट से भारी बिकवाली की। इसका असर भारतीय बाजार (Indian share market) पर भी पड़ा और बेंचमार्क सेंसेक्स 1,407 अंक लुढ़क कर 45,554 पर आ गया। अप्रैल 2020 के बाद सेंसेक्स (Sensex) में एक दिन में आई यह सबसे बड़ी गिरावट है। निफ्टी (Nifty) भी 432 अंक के नुकसान के साथ 13,328 पर बंद हुआ।
वायरस का नया रूप 70 फीसदी ज्यादा संक्रामक
विशेषज्ञों ने चेताया है कि वायरस (Corona VIrus) का नया रूप 70 फीसदी ज्यादा संक्रामक है। संक्रमण की दूसरी लहर को देखते हुए ब्रिटेन की सरकार को लंदन में लॉकडाउन (London lockdown) की घोषणा करनी पड़ी, जिससे 1.6 करोड़ लोगों को घरों में ही रहना होगा। इसके साथ ही कई देशों और ब्रिटेन की यात्रा पर रोक लगा दी है।
कोरोना की नई लहर ने निवेशकों को मुनाफावसूली करने का मौका
मार्सेलस इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स (Marcellus Investment Managers) के संस्थापक और मुख्य निवेश अधिकारी सौरभ मुखर्जी ने कहा, ‘पिछले कुछ हफ्तों से बाजार में तेजी बनी हुई थी और निवेशक मुनाफावसूली का बहाना तलाश रहे थे। कई ऐसे शेयर हैं जिनका बुनियाद मजबूत नहीं है लेकिन उनके शेयरों में काफी तेजी आई थी। ब्रिटेन में कोरोना (Corona Virus ) की नई लहर ने निवेशकों को मुनाफावसूली करने का मौका दे दिया।’ विश्लेषकों ने कहा कि ब्रिटेन में वायरस का नया रूप सामने आने से निवेशकों (Investors) में घबराहट बढ़ गई है जबकि अब तक वे टीका आने की उम्मीद कर रहे थे। उन्होंने चिंता जताई कि निकट भविष्य में वायरस का संक्रमण बेकाबू हो सकता है।
वायरस के नए संक्रमण से निवेशकों में चिंता
अवेंडस अल्टरनेट स्ट्रैटजीज (Avantas Alternate Strategies) के मुख्य कार्याधिकारी एंड्रयू हॉलैंड ने कहा, ‘वायरस के नए संक्रमण से निवेशकों में चिंता बढ़ गई है कि छुट्टियों के मौसम में कहीं दुनिया भर में नए सिरे से लॉकडाउन न शुरू हो जाए।’ सुरक्षित निवेश माने जाने वाले ट्रेजरी और सोना में निवेश बढ़ा है, जिससे उसमें तेजी आई है। भारतीय शेयरों का मूल्यांकन ज्यादा होने से भी निवेशक सतर्कता बरत रहे हैं। नोमुरा ने निवेशकों को लिखे नोट में कहा है कि शेयर बाजार की आय में वृद्घि को लेकर ज्यादा उम्मीदें हैं और बाजार का मूल्यांकन उच्चतम स्तर पर है जबकि वृद्घि में सुधार की रफ्तार पर्याप्त नहीं है।