वॉशिंगटन. डोनाल्ड ट्रंप के पूर्व राजनीतिक सलाहकार रहे पॉल मैनफोर्ट को 47 महीने की कैद की सजा मिली है। उन्हें गुरुवार को कर अपराधों और बैंक धोखाधड़ी मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद यह सजा सुनाई गई। मैनफोर्ट अमेरिका के राष्ट्रपति पद के चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप के अभियान के प्रमुख थे। यह अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रूसी हस्तक्षेप से जुड़े मामले में राष्ट्रपति के किसी सहयोगी को दी गई सबसे कठोर सजा है। हालांकि लोगों को मैनफोर्ट को और कड़ी सजा मिलने की उम्मीद थी। इस मामले की जांच विशेष वकील रॉबर्ट मुलर ने की थी। मैनफोर्ट को कड़ी सजा के लिए मुलर के कहने पर न्यायाधीश ने फटकार लगाते हुए कहा कि 19 से 24 साल की जेल की सजा के आधिकारिक दिशा-निर्देश अत्यधिक हैं। मगर अगले सप्ताह मैनफोर्ट पर एक और मामले में सुनवाई की जाएगी जिसमें उन्हें अधिकतम 10 वर्ष की सजा हो सकती है। इस मामले में न्यायाधीश की अभियोजन पक्ष के प्रति सहानुभूति जाहिर है। मैनफोर्ट पर यूक्रेन में मॉस्को से जुड़े एक राजनेताओं की ओर से 10 साल तक काम किया जाने का आरोप हैं। अभियोजकों ने आरोप लगाया कि मैनफोर्ट ने साइप्रस में अपतटीय बैंक खातों का उपयोग कर अधिकारियों से यूक्रेनी राजनेताओं से मिले 55 मिलियन डॉलर से अधिक की राशि छिपाने के लिए किया था। मुलर की जांच में आरोपित किए जाने वाले ट्रंप के 2016 के राष्ट्रपति चुनाव अभियान के शीर्ष छह सलाहकारों और सहयोगियों में से एक मैनफोर्ट हैं। मैनफोर्ट के मुकदमे के दौरान उनके खिलाफ सबसे ज्यादा नुकसानदायक गवाही उनके पूर्व डिप्टी रिक गेट्स ने दी। वह विशेष वकील के कार्यालय के साथ एक दलील समझौते पर पहुंचने के बाद सजा का इंतजार कर रहे हैं।
