मुंबई. दुनिया के सबसे बड़े आभूषण समूहों (ज्वेलरी ग्रुप) में से एक मलाबार गोल्ड एंड डायमंड्स को 2023-24 के प्रतिष्ठित इंडिया गोल्ड कॉन्फ्रेंस (आईजीसी) रिस्पॉन्सिबल ज्वेलरी हाउस अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है. भारतीय आभूषण क्षेत्र के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में शामिल यह अवॉर्ड मलाबार गोल्ड एंड डायमंड्स को इथिकल सोर्सिंग (नैतिक तरीके से सोर्स करने) और सस्टेनिबिलिटी के प्रति उसकी अटूट प्रतिबद्धता के लिए दिया गया है.
यह पुरस्कार वैध स्रोतों से जिम्मेदारीपूर्वक खनन किए गए सोने एवं हीरे की खरीद को लेकर मलाबार गोल्ड एंड डायमंड्स की प्रतिबद्धता को पुष्ट भी करता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि हर गहना शुद्धता और पूरी प्रमाणिकता के साथ तैयार किया गया हो. बेंगलुरु के हिल्टन मान्यता बिजनेस पार्क में आयोजित एक कार्यक्रम में मलाबार गोल्ड एंड डायमंड्स की ओर से मैनेजिंग डायरेक्टर (इंडिया ऑपरेशन्स) ओ. अशेर ने गोल्ड पॉलिसी सेंटर के चेयरपर्सन डॉक्टर सुंदरावल्ली नारायणस्वामी से यह पुरस्कार प्राप्त किया. इस कार्यक्रम में मलाबार गोल्ड एलएलसी के हेड ऑफ बिजनेस डेवलपमेंट सीतारामन वरदराजन, मलाबार गोल्ड एंड डायमंड्स में हेड ऑफ बुलियन दिलीप नारायणन, फिनमेट पीटीई लिमिटेड के निदेशक सुनील कश्यप; रैंड रिफाइनरी के सीईओ प्रवीण बैजनाथ और मलाबार गोल्ड एंड डायमंड्स के कर्नाटक क्षेत्र के प्रमुख फिल्सर बाबू ने भी हिस्सा लिया.
मलाबार ग्रुप के चेयरमैन एम. पी. अहमद ने अवॉर्ड मिलने पर आभार जताते हुए मलाबार गोल्ड द्वारा अपनाए जाने वाले नैतिक तरीकों को लेकर कंपनी की प्रतिबद्धता दोहराई. उन्होंने कहा, “आईजीसी से रिस्पांसिबल ज्वेलरी हाउस अवॉर्ड प्राप्त करने पर हम काफी अधिक सम्मानित महसूस कर रहे हैं. सोने और हीरे बहुमूल्य तोहफे होते हैं, जिनका आदान-प्रदान शादी या जन्मदिन जैसे खुशी के मौके पर किया जाता है. हम यह सुनिश्चित करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं कि इन बहुमूल्य धातुओं की सोर्सिंग वैध स्थानों से पूरी तरह से नैतिक तरीकों से किया जाए और इसमें किसी तरह का शोषण ना हो. केवल तभी ही ये उपहार पवित्रता, शुद्धता और अपनी चमक को प्रतिबिंबित कर सकते हैं, जिनके ये प्रतीक होते हैं. हम सोने के खनन से लेकर ग्राहकों तक अंतिम उत्पाद पहुंचने तक इस प्रतिबद्धता को पूरी तरह बनाए रखते हैं.”
मलाबार गोल्ड एंड डायमंड्स के मैनेजिंग डायरेक्टर (इंडिया ऑपरेशन्स) ओ. अशेर ने अपने परिचालन वाले हर देश में वैधानिक और कर से जुड़े नियमन के अनुपालन को रेखांकित किया. ओ. अशेर ने कहा, “हम यह सुनिश्चित करते हैं कि जिन गोल्ड बार को हम खरीदते और बेचते हैं, उन्हें जिम्मेदारीपूर्वक सोर्स किया जाए और वे पूरी तरह वैधानिक हों. हम लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन (एलबीएमए) क्वालिटी-सर्टिफाइड लंदन गुड डिलीवरी बार्स (एलजीडीबी), दुबई गुड डिलीवरी बार्स (डीजीडीबी) और एचयूआईडी हॉलमार्क वाले भारतीय गुड डिलीवरी बार्स का इस्तेमाल करते हैं. मलाबार गोल्ड एंड डायमंड्स ने दुनियाभर में खुद को एक विश्वसनीय ज्वेलरी ब्रांड के रूप में पहले ही स्थापित कर लिया है.”
मलाबार गोल्ड एंड डायमंड्स 13 देशों में 355 स्टोर का परिचालन करती है. कंपनी में 26 देशों की राष्ट्रीयता वाले करीब 21 हजार लोग काम करते हैं. दुनिया के 100 से अधिक देशों में 1.5 करोड़ से भी ज्यादा संतुष्ट ग्राहकों के साथ कंपनी अपने सभी स्टोर में विश्वस्तरीय सुविधाएं प्रदान करती है. अपनी ‘वन इंडिया वन गोल्ड रेट’ पहल के जरिए मलाबार गोल्ड एंड डायमंड्स पूरे देश में सोने की एकसमान कीमत सुनिश्चित करती है.
मलाबार समूह कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) में अपने अहम योगदान के लिए भी जाना जाता है. अपनी शुरुआत से लेकर अब तक ग्रुप ने समूह के कुल फायदे का पांच प्रतिशत हिस्सा सीएसआर से जुड़ी पहलों के लिए आवंटित किया है. उल्लेखनीय रूप से इन परियोजनाओं में ‘हंगर-फ्री’ वर्ल्ड पहल शामिल है जिनके तहत जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराया जाता है. समूह की सीएसआर पहलों में ‘ग्रैंडमा होम’ प्रोजेक्ट भी शामिल है जिसके तहत निराश्रित महिलाओं को आश्रय और देखभाल उपलब्ध कराया जाता है. इन सबके अलावा समूह वंचित लोगों को चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराता है और भवन निर्माण में उनकी मदद करता है और लड़कियों को शैक्षणिक छात्रवृत्ति उपलब्ध कराता है और कमजोर आर्थिक पृष्ठभूमि वाली युवतियों की शादी के लिए उन्हें वित्तीय सहायता उपलब्ध कराता है. समूह अब तक इन महत्वपूर्ण पहलों पर 250 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च कर चुका है.