जयपुर. अगर आप महंगी कारों के शौकीन हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। सरकार द्वारा महंगी कारों और ज्वैलरी पर टैक्स स्ट्रक्चर को लेकर नई घोषणा की गई है। इसके चलते 10 लाख रुपये से ज्यादा की लग्जरी कारें सस्ती होने वाली हैं। दरअसल अभी आयकर अधिनियम के तहत 10 लाख रुपये से ऊपर के व्हीकल्स पर TCS एक फीसदी लगता है। लेकिन अब केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने कहा है कि अब किसी प्रॉडक्ट पर GST देनदारी की गणना करते वक्त स्रोत पर कर वसूली (TCS) की राशि को प्रॉडक्ट के मूल्य से अलग रखा जाएगा। यानी पहले से चुकाया जा चुका 1 फीसदी TCS GST के दायरे में नहीं आएगा। इस फैसले के चलते अब 10 लाख रुपये से ज्यादा की लग्जरी कार 1 लाख रुपये तक सस्ती पड़ सकती है।
पहले TCS को भी GST गणना में शामिल करने का था फैसला
CBIC ने सर्कुलर में कहा है कि GST देनदारी की गणना करते समय टीसीएस राशि को प्रॉडक्ट के मूल्य से अलग रखा जाएगा। इससे पहले दिसंबर में बोर्ड ने कहा था कि आयकर अधिनियम के तहत जिन प्रॉडक्ट्स पर स्रोत पर कर वसूली लागू होती है उन पर GST की गणना के दौरान TCS राशि को भी इसमें शामिल किया जाएगा।
ऐसे समझें कैलकुलेशन
मान लीजिए आपको कोई ऐसी कार खरीदनी है जिसकी एक्सशोरूम कीमत 10 लाख रुपये है। इसका अर्थ हुआ कि आप नए फैसले से कार के ऑन रोड प्राइस पर लगभग 10000 रुपये की बचत कर सकेंगे। कार की कीमत 10 लाख रुपये से जितनी ऊपर जाएगी बचत की राशि भी उतनी बढ़ती जाएगी। इस हिसाब से 1 करोड़ की गाड़ी पर 1 लाख रुपये तक की प्राइस कटौती का फायदा लिया जा सकता है।
CBDT से बातचीत के बाद फैसला
विभिन्न स्टेकहोल्डर्स से मिली प्रतिक्रिया और केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) से बातचीत के बाद CBIC ने फैसला किया है कि GST लगाने के उद्देश्य से प्रॉडक्ट का मूल्यांकन करने के समय TCS राशि को अलग रखा जाएगा। CBDT ने स्पष्ट किया है कि TCS प्रॉडक्ट पर कर नहीं है बल्कि विक्रेता की माल की बिक्री से होने वाली संभावित आय पर लगने वाला अंतरिम शुल्क है।