नई दिल्ली। लक्जरी कार कंपनियों मर्सिडीज-बेंज (Mercedes-Benz), ऑडी (Audi) और लैम्बोर्गिनी (Lamborghini) ने आगामी आम बजट 2021-22 (Union budget 2021-22) में वाहनों पर करों में कटौती की मांग की है। इन कंपनियों का कहना है कि ऊंचे कराधान की वजह से प्रीमियम कारों का बाजार आगे नहीं बढ़ पा रहा है। कोरोना महामारी (Corona Pandemic) से भी वाहनों का यह खंड बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इन कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि लक्जरी कारों (Luxury car) पर यदि करों में बढ़ोतरी होती है तो इससे मांग प्रभावित होगी और यह क्षेत्र पिछले साल शुरू हुई अड़चनों से उबर नहीं पायेगा।
लक्जरी कारों पर उपकर 22 प्रतिशत
मर्सिडीज बेंज इंडिया (Mercedes-Benz India) के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) मार्टिन श्वेंक ने के अनुसार कोई भी ऐसी चीज जिससे क्षेत्र की मांग प्रभावित होती हो, उससे हमें बचना चाहिए क्योंकि अंत में इससे समस्या पैदा होगी। इस क्षेत्र पर कर की दर पहले ही काफी ऊंची है। आयात शुल्क से लेकर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) तक, लक्जरी कारों (Luxury car Tax) पर उपकर 22 प्रतिशत तक है। हमारा लक्ष्य क्षेत्र की वृद्धि को समर्थन देना और कर घटाने का होना चाहिए। हमें इसका रास्ता ढूंढना चाहिए।
2020 में यह संभवत: घटकर से 0.7 से 0.8 प्रतिशत रह गया
ऑडी इंडिया (Audi India) के प्रमुख बलबीर सिंह ढिल्लों के अनुसार लक्जरी कार बाजार अभी कोविड-19 की वजह से पैदा हुई अड़चनों से उबर रहा है। आगे क्षेत्र के लिए काफी चुनौतियां हैं। एक चुनौती लक्जरी कारों (Luxury car) पर ऊंचे कराधान की है। इसकी वजह से देश का लक्जरी कार बाजार (Luxury car market) कुल वाहन बाजार के एक प्रतिशत पर बना हुआ है। पिछले साल यानी 2020 में यह संभवत: घटकर से 0.7 से 0.8 प्रतिशत रह गया है। ऊंचा कर सबसे बड़ी चुनौती है।