नई दिल्ली। देश में कोविड-19 महामारी के बढ़ते प्रकोप के बीच केंद्र सरकार ने ग्रामीण और कृषि विकास और रोजगार सृजन को ध्यान में रखते हुए 20 अप्रैल से सीमित आर्थिक गतिविधियों की अनुमति दे दी है। व्यावसायिक और विनिर्माण गतिविधियों से पूरी तरह प्रतिबंध नहीं हटाया गया है, लेकिन ग्रामीण इलाकों, औद्योगिक क्षेत्रों और निर्यात क्षेत्रों में स्थित इकाइयों को कामकाज शुरू करने की अनुमति दी गई है बशर्ते उनके कामगार परिसरों में या आसपास रहते हैं।
उत्पादन क्षमता पर कोई सीमा नहीं लगाई
केवल जरूरी सेवाओं और वस्तुओं में व्यावसायिक गतिविधि शुरू करने की अनुमति होगी, लेकिन सिनेमाघर, मॉल, जिम और दूसरी गतिविधियां 3 मई तक बंद रहेंगी। बुधवार को अधिसूचित नए दिशानिर्देशों में उत्पादन क्षमता पर कोई सीमा नहीं लगाई गई है, लेकिन प्रतिष्ठानों को खोलने का फैसला राज्य और स्थानीय प्रशासन पर छोड़ा गया है। गृह मंत्रालय ने इन दिशानिर्देशों को जारी करते हुए कहा कि लोगों की परेशानियों को कम दूर करने के लिए ऐसा किया जा रहा है। 20 अप्रैल से कुछ चुनिंदा गतिविधियों को चरणबद्ध तरीके से शुरू करने की अनुमति दी गई है।
उल्लंघन पर नजर
मंत्रालय ने कहा कि इन गतिविधियों का संचालन राज्य, केंद्र शासित प्रदेश और जिला प्रशासन लॉकडाउन के मौजूदा दिशानिर्देशों के सख्त पालन के आधार पर करेंगे। राज्य सरकारें ज्यादा सख्त उपाय भी कर सकते हैं। किसी भी इकाई का परिचालन स्थानीय प्रशासन के फैसले पर निर्भर करेगा और मानक परिचालन प्रक्रिया का पालन किया जाएगा। इस बारे में फैसला अलग-अलग मामलों के आधार पर होगा। जिला स्तर के अधिकारी, तहसीलदार और नायब तहसीलदार औद्योगिक, व्यावसायिक, कृषि और व्यक्तिगत स्तर पर होने वाले लॉकडाउन के किसी भी उल्लंघन पर नजर रखने के लिए जिम्मेदार होंगे।
फैक्टरी मालिकों पर जिम्मेदारी
इन दिशानिर्देशों में फैक्टरी मालिकों पर जिम्मेदारी डाली गई है। दिशानिर्देशों के उल्लंघन पर कानून में सजा का प्रावधान है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह लॉकडाउन को पूरी तरह हटाने के लिए एक कसौटी है। केयर रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि यह एक तरह का प्रयोग है जिससे स्थिति की समीक्षा करने में मदद मिलेगी।