नई दिल्ली। दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो (Telecom company Reliance Jio) अपने दूरसंचार तंत्र के लिए 5 जी स्टैंडअलोन (एसए) ऑप्शन 2 तकनीक शुरू करने की योजना पर काम कर रही है। कंपनी इस दुनिया में प्रचलित मानकों का इस्तेमाल करने से परहेज करेगी। मौजूदा ढांचे (इंटरिम आर्किटेक्चर) का इस्तेमाल कर दूरसंचार कंपनियां 4जी एलटीई नेटवर्क (4G LTE Network) का इस्तेमाल कर पूंजीगत लागत कम कर सकती है। हालांकि अधिक रफ्तार वायरलेस मोबाइल ब्रॉडबैंड को घरों तक पहुंचाने की खूबियों के बाद भी कई नई एवं आकर्षक सेवाओं का इस्तेमाल इस प्लेटफॉर्म से नहीं किया जा सकता है।
5 जी कोर और नई रेडियो तरंगों का इस्तेमाल
एसए 5 जी एक नया नेटवर्क है, जिसमें नए 5 जी कोर (5G Core) और नई रेडियो तरंगों का इस्तेमाल होगा। ये ऐसी तरंगें होंगी जो 5जी बैंड (5g band JIO) पर काम करती हैं। नॉन-स्टैंडअलोन नेटवर्क में दूरसंचार कंपनियां 4जी एलटीई नेटवर्क (4G LTE Network) का इस्तेमाल 5 जी के लिए कर सकती हैं।
अगले वर्ष की दूसरी छमाही तक 5 जी सेवा शुरू
रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industry) के चेयरमैन मुकेश अबंानी (Mukesh ambani) ने अगले वर्ष की दूसरी छमाही तक 5 जी सेवा शुरू करने की योजना का खुलासा किया है। अगर उनकी यह योजना आगे बढ़ी तो जियो उन कंपनियों में शामिल हो जाएगी, जो अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर लाइव नेटवर्क पर काम करेगी। इस समय केवल चीन, दक्षिण कोरिया और सिंगापुर में स्टैंडअलोन 5 जी नेटवर्क (5G Network country) है। हालांकि कई दूसरे देश भी 2021 या 2022 तक इस तकनीक में हाथ आजमाने की योजना बना रहे हैं।
स्टैंडअलोन 5 जी आर्किटेक्चर के कई ऐसे फायदे
रिलायंस जियो (Reliance JIO) से जब इस योजना पर प्रतिक्रिया मांगी गई तो इसके प्रवक्ता ने कुछ कहने से इनकार कर दिया। स्टैंडअलोन 5 जी आर्किटेक्चर के कई ऐसे फायदे हैं। तेजी से प्रतिक्रिया दिखाने की अपनी खूबी के कारण 5जी एसए तकनीक मशीन से मशीन परिचालन को बढ़ावा देती है और औद्योगिक खंड में विभिन्न क्रियाकलापों में स्वचालन में मदद करती हैं। यह तकनीक स्मार्ट शहर, स्मार्ट फैक्टरियां और यहां तक की अत्याधुनिक घर भी बनाने में मदद करती है।
स्टैंडअलोन 5जी कार्य क्षमता में इजाफा
स्वचालन की खूबी के कारण स्टैंडअलोन 5जी कार्य क्षमता में इजाफा करती है और परिचालन लागत कम करती है। पिछली 4 जी तकनीक के उलट 5जी एसए उद्यमी ग्राहकों को प्राइवेट क्लाउड और प्राइवेट कंपनी नेटवर्क सहित नई सेवाएं देगी। इन खूबियों से दूरसंचयार कंपनियों की कमाई भी बढ़ सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि रिलायंस जियो ने 4जी नेटवर्क शुरू करने पर 2 लाख रुपये खर्च किए हैं।