नई दिल्ली। देश में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून (monsoon) अपने महत्त्वपूर्ण चरण में पहुंच गया है और अब नजरें उन क्षेत्रों पर हैं, जहां पर्याप्त बारिश नहीं हुई है। उत्तर-पश्चिम भारत के राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर ऐसे इलाके हैं, जहां अनुमान से कम बारिश हुई है। भारतीय मौसम विभाग (India Meteorological Department) के अधिकारियों के लिए कम बारिश चिंता का विषय बन गया है।
मध्य भारत में भी जुलाई में पर्याप्त बारिश नहीं
विभाग के अनुसार इन क्षेत्रों में मॉनसून दोबारा सक्रिय होने के बाद भी बारिश में कमी की भरपाई शायद नहीं हो पाएगी। पिछले कुछ दिनों में इन इलाकों में बारिश में तेजी आई है, लेकिन मौसम विभाग का कहना है कि यह नाकाफी है। मध्य भारत में भी जुलाई में पर्याप्त बारिश नहीं हुई। हालांकि अधिकारियों के अनुसार अब दोबारा बारिश होने की स्थिति ठीक है। मध्य भारत में मध्य प्रदेश, गुजरात क्षेत्र, ओडिशा, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के हिस्से आते हैं। जून में इन इलाकों में अच्छी बारिश हुई थी लेकिन उत्तर-पश्चिम भारत की तरह ही इन क्षेत्रों में जुलाई में बारिश उम्मीद के अनुरूप नहीं हुई।
685 जिलों में 225 में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून कमजोर
मध्य भारत के गुजरात जैसे राज्यों में बारिश में संचयी कमी 45 प्रतिशत तक पहुंच गई है मगर विभाग का मानना है कि आने वाले दिनों में इसकी थोड़ी-बहुत भरपाई हो जाएगी। 1 जून से 6 अगस्त के बीच देश के 685 जिलों में 225 में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून कमजोर रहा है। इनमें ज्यादातर जिले मध्य एवं उत्तर-पश्चिम भारत के राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात और हरियाणा में हैं।
15 अगस्त तक बारिश तेज
भारतीय मौसम विभाग (India Meteorological Department) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा, ‘3 अगस्त से मध्य भारत के हिस्सों में बारिश तेज हुई है। पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर नया निम्न दबाव बनने से मॉनसून इन क्षेत्रों में फिर सक्रिय हुआ है। 9 अगस्त के करीब बंगाल की खाड़ी के ऊपर निम्न दबाव का क्षेत्र फिर बनेगा, जिससे गुजरात तक मध्य भारत के हिस्सों में बारिश में होगी, जिससे 15 अगस्त तक बारिश में कमी का अंतर थोड़ा कम हो जाएगा।’