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Kota Cares: After 4 thousand hostel operators, now more than 10 thousand auto drivers have joined the Kota Cares initiative

कोटा केयर्स : 4 हजार हॉस्टल संचालकों के बाद अब 10 हजार से अधिक ऑटो चालक कोटा केयर्स पहल से जुड़े

ऑटो रिक्शा यूनियन ने तय की 20 रुपए प्रति किलोमीटर की अधिकतम किराया दर, परीक्षा के दिन और लगेज का अतिरिक्त किराया नहीं देना होगा, कोटा में पहली बार 10 हजार से अधिक ऑटो पर चस्पा होंगी किराया दरें व नियम, शहर में ऑटो चालकों को दी जाएगी गेटकीपर एवं बिहेवियर ट्रेनिंग

 

कोटा। हॉस्टल एसोसिएशन्स के सिक्योरिटी और कॉशन मनी नहीं लेने की घोषणा के बाद अब ऑटो यूनियंस कोटा केयर्स अभियान से जुड़ी हैं। 10 हजार से अधिक ऑटो चालकों का प्रतिनिधित्व करने वाले ऑटो यूनियन के प्रतिनिधि अतिरिक्त जिला कलक्टर अनिल सिंघल से मिले और उन्हें शहर में ऑटो यात्रा के संबंध में अपने सुझाव व निर्णयों से अवगत करवाया। इसमें मुख्यरूप से ऑटो यूनियन द्वारा प्रति किलोमीटर अधिकतम 20 रुपए किराया, वेटिंग चार्जेज 50 रुपए प्रति घंटा के साथ-साथ ऑटो चालकों को गेटकीपर और बिहेवियर ट्रेनिंग दिया जाना शामिल है। कोटा केयर्स अभियान के तहत ऑटो चालकों के लिए आवश्यक दिशा निर्देश के स्टीकर्स तैयार किए जाएंगे, जिन्हें कोटा स्टूडेंट्स वेलफेयर सोसायटी के सहयोग एवं ऑटो यूनियन के पदाधिकारियों के माध्यम से शहर के करीब 10 हजार से अधिक ऑटो पर चस्पा किया जाएगा। 4 हजार हॉस्टल्स के बाद 10 हजार ऑटो चालकों का कोटा केयर्स से जुड़ना यहां रह रहे 1.25 लाख से अधिक स्टूडेंट्स की केयरिंग के क्षेत्र में बड़ा कदम है। इस बैठक के कार्यवाही विवरण भी जिला प्रशासन द्वारा जारी कर दिए गए हैं।

जिला कलक्टर कार्यालय में इस मीटिंग की अध्यक्षता अतिरिक्त जिला कलक्टर अनिल सिंघल ने की। मीटिंग में जिला परिवहन अधिकारी अनीश शर्मा, यातायात पुलिस उपाधीक्षक अशोक कुमार मीणा के साथ कोटा स्टूडेंट्स वेलफेयर सोसायटी व कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे। प्रस्ताव देने वालों में कोटा ऑटो ड्राइवर यूनियन के अध्यक्ष भूपेन्द्र सक्सेना, हाड़ौती ऑटो रिक्शा हितकारी सेवा समिति के अध्यक्ष दीपक तिवारी और जनसेवा ऑटोरिक्शा यूनियन के अध्यक्ष मोहम्मद शकील शामिल थे।

एडीएम सिटी अनिल सिंघल ने कहा कि कोटा में आने वाला हर व्यक्ति सबसे पहले ऑटो चालक के पास पहुंचता है। यदि ऑटो चालक का व्यवहार अच्छा होता है, वो उचित किराया लेता है, अच्छी सेवा देता है तो शहर के प्रति सोच सकारात्मक हो जाती है। हम सभी की यह संयुक्त जिम्मेदारी बनती है कि कोटा आने वाले स्टूडेंट्स व पेरेंट्स को अच्छा माहौल मिले, इसके लिए ही कोटा केयर्स अभियान भी चलाया जा रहा है। यह अच्छी बात है कि कोटा केयर्स के तहत ऑटो यूनियन आगे आईं हैं और स्वयं के लिए नियम निर्धारित किए हैं।

यातायात पुलिस उपाधीक्षक अशोक कुमार मीणा ने कहा कि किसी भी शहर में 24 घंटे उपलब्ध होने वाली सुविधा ऑटो होती है। यदि ऑटो यूनियन स्टूडेंट्स की मदद को आगे आती है तो कई समस्याओं का समाधान एक साथ हो जाता है। यातायात पुलिस इस पहल का स्वागत करती है और स्टूडेंट्स और ऑटो चालकों की किसी भी तरह की मदद के लिए पुलिस तत्पर रहेगी।

भूपेन्द्र सक्सेना ने बताया कि कोटा में तीन ऑटो यूनियन हैं और इनसे 10 हजार से अधिक ऑटो जुड़े हैं। ऑटो यूनियन के सदस्यों ने कोचिंग स्टूडेंट्स व पेरेन्ट्स को बेहतर सुविधाएं देने को प्राथमिकता में रखते हुए कुछ निर्णय लिए हैं, जिनके प्रस्ताव जिला प्रशासन को सौंपे हैं। इसमें ऑटो चालकों के व्यवहार के संबंध में जो शिकायतें आती हैं, उनका समाधान करना है। परीक्षा के दिन हों या सामान्य दिन हमेशा किराया एक जैसा हो और इस संबंध में स्टूडेंट्स व पेरेन्ट्स के साथ सभी जागरूक रहेंं। ओवरचार्जिंग करने वाले ऑटो चालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। स्टूडेंट किसी भी तरह की समस्या में घिरे होने की स्थिति में ऑटो चालक उसकी मदद के लिए प्रयास करे।

हॉस्टल्स से हुए प्रेरित

 

सक्सेना ने बताया कि पिछले दिनों कोटा केयर्स के तहत हॉस्टल एसोसिएशन्स ने एकजुट होकर कोटा में आने वाले स्टूडेंट्स के लिए कॉस्ट ऑफ लिविंग सस्ती करते हुए सिक्योरिटी और कॉशन मनी नहीं लेने की घोषणा की थी। इस पहल को न सिर्फ कोटा वरन पूरे देश के स्टूडेंट्स व पेरेन्ट्स ने सराहा था। हॉस्टल संचालकों को भी इस पहल के लिए लोगों ने धन्यवाद दिया। इसकी जानकारी के बाद ही ऑटो यूनियन के सदस्यों ने आपस में बातचीत की।

किराये को लेकर ये निर्णय

  • कोटा शहर में ऑटो यात्रा के लिए किराये की दर 20 रुपए प्रति किलोमीटर अधिकतम होगी।
  • शुरुआती अथवा न्यूनतम एक किलोमीटर की यात्रा का किराया 30 रुपए होगा।
  • वेटिंग चार्जेज 50 रुपए प्रति घंटा लिया जाएगा।
  • परीक्षा व अन्य विशेष दिनों में भी ऑटो यात्रा की दरें समान रहेंगी।
  • लगेज के लिए कोई अतिरिक्त किराया देय नहीं होगा।

सुरक्षा व सपोर्ट

  • कोचिंग संस्थान व जिला प्रशासन मिलकर ऑटो चालकों को गेटकीपर व बिहेवियर ट्रेनिंग देंगे।
  • छात्राओं के बीच महिला ऑटो ड्राइवर की सेवाएं लेने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
  • ऑटो एंबुलेंस के माध्यम से सेवाएं जारी रखी जाएंगी।
  • ऑटो में किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि या स्टूडेंट-पेरेन्ट की परेशानी सामने आने पर जिला प्रशासन या संबंधित कोचिंग प्रबंधन को सूचना देंगे।

पारदर्शिता रहेगी

  • – स्टूडेंट्स को लेकर किराया व सामान्य दिशा निर्देश सभी ऑटो पर चस्पा किए जाएंगे।
  • कोटा केयर्स के तहत ऑटो चालकों के लिए दिशा निर्देश कोचिंग संस्थानों में चस्पा किए जाएंगे।

2 हजार लोगों को अस्पताल पहुंचाया

कोटा में करीब दो दर्जन महिला ऑटो चालक हैं जो यहां रहने वाली छात्राओं को सुरक्षित सफर मुहैया करवा सकती है। ऑटो चालकों ने गत एक वर्ष में डेढ़ करोड़ रुपए से अधिक की लागत के सामान यात्रियों के वापस लौटाए हैं, जो कि यात्री ऑटो में भूल गए थे। इसमें कई कोचिंग स्टूडेंट्स और परिजन हैं। इसके साथ ही सड़क दुर्घटनाओं में घायल हुए करीब 2 हजार लोगों को समय पर अस्पताल पहुंचाया। ऑटो एंबुलेंस संचालित करने वाले चालकों को सीपीआर व सामान्य नर्सिंग के प्रशिक्षण भी दिलवाए गए।

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