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पॉकेट में पर्स रखने से होती है ये बीमारी!

नई दिल्ली: पर्स या बटुआ रखने का चलन इन दिनों आम है। सबसे ज्यादा इसका इस्तेमाल युवा करता है। इसमें ना सिर्फ पैसे बल्कि लोग जरुरी कागजात, आधार कार्ड, पैन कार्ड , डेबिट कार्ड और क्रैडिट कार्ड जैसी चीजें भी रखते हैं। दरअसल कुछ लोगों का पर्स/वॉलेट इतना मोटा या भारी हो जाता है जो जींस या पैंट के बैक पॉकेट में रखने से काफी असुविधाजनक महसूस होता है। कुछ लोग वॉलेट में काफी पैसे रखते है और उसकी वजह से भी यह मोटा हो जाता है।ये आदत आगे चलकर काफी शरीर की सेहत के लिए काफी नुकसानदेह साबित हो सकती है।जानकारों का मानना है कि ये हैबिट बिल्कुल गलत है जिसे तुरंत बदल लेना चाहिए। दरअसल इस तरीके से अगर आप लंबे वक्त तक बैठते हैं तो यह आगे चलकर आपके सेहत के लिए कई समस्याएं खड़ी करता है। इस तरीके से बैठने से कुछ विशेष नसें दब जाती हैं जो आपके लिए कई तरह की शरीर संबंधी परेशानियों को जन्म देता है। बैक पॉकेट में पर्स रखने की बजाय पर्स आपको हमेशा आगे की जेब में रखना चाहिए। ज्यादातर लोग वॉलेट को अपने पीछे के पॉकेट में रखते हैं। एक सर्वे के मुताबिक कार्ड, पैसों से भरा वॉलेट बैक पॉकेट में रखना बेहद खतरनाक होता है और इससे पायरी फोर्मिस सिंड्रोम नामक बीमारी हो सकती है। इस बीमारी में साइटिका की नस दब जाती है। इस बीमारी में मरीज को काफी तेज दर्द होता है। दरअसल ज्यादातर लोगों की आदत होती है कि पर्स को बैक पॉकेट में रखकर लोग घंटों ऑफिस में या फिर कही भी बैठे रहते है।लिहाजा इससे पायरी फोर्मिस मसल्स दब जाती और पैरों में तेज दर्द होने लगता है। इस बीमारी के सबसे ज्यादा वैसे लोग शिकार होते हैं जो घंटों तक बैठने का काम करते है। दरअसल इस बीमारी में साइटिका नस दब जाती है जिससे असहनीय दर्द होता है।बैक पॉकेट में पर्स रखना एक असहज स्थिति होती है लेकिन हम उसे दरकिनार कर देते हैं। दरअसल बैक पॉकेट में बटुआ या वॉलेट रखना आपके बॉडी बैलेंस को बिगाड़ता है जिससे आपके कमर पर दबाव पड़ता है। दरअसल कमर से ही कूल्हे की साइटिका नस गुजरती है इसलिए इस दबाव की वजह से आपके कूल्हे और कमर में दर्द हो सकता है।घंटों तक ऐसे ही बैठे रहने से हिप ज्वाइंट्स में मौजूद पिरिफॉर्म मसल्स पर भी दबाव पड़ता है। पीछे की पॉकेट में पर्स रखकर लगातार बैठने से इन नसों पर काफी दबाव पड़ता है, जिससे कई बार ब्लड सर्कुलेशन रुक जाता है।ऐसी स्थिति लंबे समय तक अगर बनी रहती है तो इससे नसों में सूजन भी बढ़ सकती है। कुल मिलाकर यह संदेश उन लोगों के लिए है जो अगर ऐसा करते है तो वह अपनी इस आदत को जल्द से जल्द बदल डालें।

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