नई दिल्ली. आने वाले दिनों में कर्ज में डूबी हुई एयरलाइन जेट एयरवेज और कंपनी के कर्मचारियों के अच्छे दिन आ सकते हैं। दरअसल जेट एयरवेज को संकट से उबारने के लिए देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया एसबीआई की अगुवाई में बैंकों का एक समूह प्रयास कर रहा है।
क्या थी मुलाकात की वजह
एसबीआई चेयरमैन रजनीश कुमार के मुताबिक यह मुलाकात जेट एयरवेज एयरलाइन की स्थति के बारे में सरकार को जानकारी देने के लिए थी। इसके साथ ही रजनीश कुमार ने यह स्पष्ट किया कि यह बैठक प्रोत्साहन पैकेज पर चर्चा के लिए नहीं थीण् हालांकि उन्होंने जोर देकर कहा कि जेट एयरवेज को परिचालन में बनाये रखना कर्जदाताओं तथा उपभोक्ताओं के हित में हैं।
जेट एयरवेज के पायलटों को मिली नौकरी
इस बीच एक अन्य एयरलाइन इंडिगो ने सैलरी संकट से जूझ रहे जेट एयरवेज के 100 पायलट को नौकरी दी है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इंडिगो ने100 से अधिक बोइंग 737 कमांडर स्तर के पायलटों को हायर किया है। जेट एयरेवज के पायलटों ने मंगलवार को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर उनका वेतन 31 मार्च तक नहीं दिया गया वे उड़ानों का परिचालन बंद कर देंगे।
जेट एयरवेज का आर्थिक संकट
पैसों की कमी की वजह से जेट एयरवेज अपने केवल एक तिहाई बेड़े का उपयोग कर पा रही है। एयरलाइन कर्ज की किश्तें नहीं चुका पा रही है और पायलटों का वेतन भी समय पर नहीं मिल रहा है। जेट एयरवेज पर कर्ज की बात करें तो 8200 करोड़ रुपये का है और उसे मार्च अंत तक 1700 करोड़ रुपये भुगतान करने हैं। अगर एयरलाइन धाराशायी होती है 23000 नौकरियां खतरे में होंगी। जेट एयरवेज का नियंत्रण फिलहाल नरेश गोयल के पास है जिनके पास 51 प्रतिशत हस्सेदारी है। वहीं अबुधाबी स्थित एतिहाद एयरवेज के पास 24 प्रतिशत हिस्सेदारी है। मीडिया में ऐसी खबरें हैं कि एतिहाद से एसबीआई से संपर्क कर एयरलाइन में अपनी 24 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने का प्रस्ताव दिया है।