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Investigation up to Sebi officials

सेबी के अधिकारियों तक जांच की आंच

नई दिल्ली। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (Central Bureau of Investigation) (सीबीआई) (CBI) ने सारदा चिट फंड घोटाला मामले में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (Securities and Exchange Board of India) (सेबी) के तीन वरिष्ठ अधिकारियों के आवास और कार्यालयों में आज तलाशी की ताकि उनकी इस घोटाले में कथित भूमिका का पता लगाया जा सके। इसके साथ ही राजनीतिक रूप से संवेदनशील सारदा चिट फंड घोटाला (Sarada Chit Fund Scam) पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों के बीच एकाएक सुर्खियों में आ गया है। सीबीआई कई साल से इस मामले की जांच कर रही है।

2009 से 2013 के बीच सारदा घोटाला आया सुर्खियों में

सूत्रों ने कहा कि सीबीआई (Central Bureau of Investigation) की टीम ने मुंबई में सेबी (Securities and Exchange Board of India) के दफ्तर और नियामक के दो मुख्य महाप्रबंधकों – जयंत जश और जीवन सोनपरोटे के आवासों की तलाशी ली। ये दोनों अधिकारी इस समय सेबी (SEBi) की जांच विभाग और कार्पोरेट वित्त विभाग में कार्यरत हैं। इन दोनों के साथ उप महाप्रबंधक प्रसेनजित दे के यहां भी तलाशी अभियान चलाया गया। ये सभी अधिकारी 2009 से 2013 के बीच कोलकाता में तैनात थे। सारदा घोटाला (Sarada Chit Fund Scam) उसी दौरान सुर्खियों में आया था।

सेबी इस घोटाले का भंडाफोड़ करने के लिए ज्यादा सक्रिय

सीबीआई (Central Bureau of Investigation) के एक सूत्र ने बताया कि आज छह परिसरों की तलाशी ली गई और कार्रवाई आगे भी जारी रह सकती है। उन्होंने बताया कि सीबीआई की जांच की जद में कुछ और अधिकारी आ सकते हैं, ताकि सारदा रियल्टी द्वारा शुरू की गई योजनाओं से संबंधित विवरण जुटाया जा सके। सूत्र ने कहा, ‘जल्द ही कुछ और अधिकारियों से पूछताछ की जाएगी और जरूरत पड़ी तो कंपनी पंजीयक से भी पूछताछ की जाएगी।’ सीबीआई मानती है कि सेबी इस घोटाले का भंडाफोड़ करने के लिए ज्यादा सक्रियता दिखा सकता था।

2014 से 2019 के बीच कई आरोप पत्र दाखिल

सीबीआई (Central Bureau of Investigation) ने 2014 से 2019 के बीच कई आरोप पत्र दाखिल किए हैं। 2019 में दायर एक आरोप पत्र में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम (Former Finance Minister P Chidambaram) की पत्नी नलिनी चिदंबरम (Nalini Chidambaram) का भी नाम था। उन पर कथित पोंजी घोटाला मामले में 1.4 करोड़ रुपये रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया था। सीबीआई ने कहा था कि नलिनी चिदंबरम (Nalini Chidambaram) ने धोखाधड़ी और पैसों के हेरफेर के मकसद से सारदा समूह (Sarada Chit Fund Scam) के प्रवर्तक सुदीप्त सेन के साथ मिलकर षड्यंत्र रचा था।

सारदा रियल्टी की योजनाएं गैर कानूनी

सेबी (SEBi) को अपनी जांच में पता चला कि सारदा रियल्टी (Sarada Chit Fund Scam) की योजनाएं गैर कानूनी हैं और अप्रैल 2013 में कंपनी तथा उसके प्रवर्तकों के खिलाफ आदेश जारी किया गया। नियामक ने पश्चिम बंगाल के आर्थिक अपराध जांच प्रकोष्ठ से शिकायत मिलने के तीन साल बाद आदेश जारी किया था।

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