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Investigation process is underway on complaints of irregularities in the formation of the new executive of Tilswa Mahadev Temple Trust - Devasthan Minister

तिलस्वा महादेव मंदिर ट्रस्ट की नवीन कार्यकारिणी के गठन में अनियमितता की शिकायतों पर जाँच प्रक्रियाधीन -देवस्थान मंत्री

जयपुर। देवस्थान मंत्री जोराराम कुमावत (Devasthan Minister Zoraram Kumawat) ने गुरुवार को विधानसभा में कहा कि तिलस्वा महादेव मंदिर प्रन्यास के विरुद्ध अनियमितता की शिकायतों के संबंध में जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने आश्वस्त किया कि जांच प्रक्रिया पूर्ण होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।

 

उन्होंने जानकारी दी कि 8 जनवरी 2025 को प्रन्यास के विरुद्ध अनियमितता सम्बंधित शिकायत प्राप्त हुई थी। शिकायत के आधार पर राजस्थान लोक न्यास अधिनियम, 1959 की धारा 38 के अंतर्गत प्रकरण दर्ज कर सहायक आयुक्त, देवस्थान विभाग, अजमेर द्वारा जाँच शुरू कर दी गई है।

 

उन्होंने बताया कि वर्ष 2004 में ट्रस्ट के प्रथम अध्यक्ष की मृत्यु के बाद से अभी तक पिछले बीस वर्षों से अध्यक्ष के रूप में एक ही व्यक्ति नियुक्त था। गत वर्ष 10 सितम्बर को चुनाव संपन्न कर ट्रस्ट की नवीन कार्यकारिणी का गठन हुआ एवं वर्तमान में इस नवीन कार्यकारिणी द्वारा मंदिर का संचालन किया जा रहा है। नवीन कार्यकारिणी परिवर्तन में अनियमितता की शिकायत प्राप्त होने के विषय में उन्होंने कहा कि सम्बंधित प्रपत्र सहायक आयुक्त, देवस्थान विभाग, अजमेर के समक्ष प्रस्तुत हुआ है जो विचाराधीन है। उन्होंने कहा कि प्रकरण में राजस्थान लोक न्यास अधिनियम, 1959 में विहित प्रावधानों के अनुसार जांच कर उचित कार्यवाही की जाएगी।

 

देवस्थान मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस सम्बन्ध में पूछे गए पूरक प्रश्नों पर जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि विधानसभा क्षेत्र माण्डलगढ में स्थित श्री तिलस्वा महादेव मंदिर अराजकीय श्रेणी का मंदिर है। मंदिर का संचालन राजस्थान प्रन्यास अधिनियम, 1959 की धारा 17 के तहत 27 जनवरी 1998 को गठित एवं देवस्थान विभाग में रजिस्टर किये गए ट्रस्ट द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ट्रस्ट के गठन से लेकर वर्ष 2011-12 तक ट्रस्ट द्वारा ऑडिट रिपोर्ट देवस्थान विभाग को प्रेक्षित नहीं की गई। वर्ष 2012-13 से 2023-24 तक की ऑडिट रिपोर्ट सहायक आयुक्त, देवस्थान विभाग, अजमेर में प्रस्तुत की गई है।

 

इससे पहले विधायक गोपाल लाल शर्मा के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में देवस्थान मंत्री ने बताया कि विधानसभा क्षेत्र माण्डलगढ के धार्मिक स्थल श्री तिलस्वा महादेव मंदिर प्रन्यास द्वारा विगत 20 वर्षों में से ऑडिट रिपोर्ट

वर्ष 2012-13,2013-14,2014-15,2015-16,2016-17,2017-18,2018-19,2019-20,2020-21,2022-23 व 2023-24 तक सहायक आयुक्त, देवस्थान विभाग, अजमेर में प्रस्तुत की गई है। उन्होंने बताया कि प्रति वर्ष ऑडिट रिपोर्ट प्राप्त नहीं होने की स्थिति में ट्रस्ट से स्पष्टीकरण लेते हुए नियमानुसार कार्यवाही किये जाने का प्रावधान है एवं तदनुरूप कार्यवाही की जा सकती है। प्रावधान का विवरण उन्होंने सदन के पटल पर रखा।

 

उन्होंने जानकरी दी कि राजस्थान लोक न्यास अधिनियम, 1959 के अंतर्गत पंजीकृत प्रन्यासों में कार्यकारिणी का परिवर्तन उनके विधान में निहित प्रावधानों के अनुसार प्रन्यास के स्तर पर ही होता है। उक्त प्रन्यास में राजस्थान लोक न्यास अधिनियम की धारा-23 के अंतर्गत नवीनतम कार्यकारिणी परिवर्तन के संबंध में 10 सितम्बर, 2024 को प्रपत्र-8 सहायक आयुक्त, देवस्थान विभाग, अजमेर के समक्ष प्रस्तुत हुआ है जो विचाराधीन है। प्रकरण में राजस्थान लोक न्यास अधिनियम, 1959 में विहित प्रावधानों के अनुसार जांच कर उचित कार्यवाही की जाएगी।

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