शुक्रवार, नवंबर 22 2024 | 04:57:57 PM
Breaking News
Home / एक्सपर्ट व्यू / लघु बचत पर ब्याज में हो सकती है कटौती

लघु बचत पर ब्याज में हो सकती है कटौती

नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय अप्रैल-जून तिमाही के लिए लघु बचत योजनाओं की ब्याज दरों (Small Savings Schemes for April-June Quarter) में कटौती कर सकता है। सूत्रों से यह जानकारी मिली है। इस कटौती का मकसद क्रेडिट की लागत को कम करना है ताकि वित्तीय व्यवस्था को ज्यादा नकदी मुहैया कराई जा सके। कोरोनावायरस की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती और घरेलू बैंकिंग संकट के कारण वित्तीय व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है।

जुलाई- 2019 में की थी कटौती

वित्त मंत्रालय ने इससे पहले 2019 की जुलाई-सितंबर तिमाही में 12 लघु बचत योजनाओं में से एक को छोड़कर बाकी सभी योजनाओं की ब्याज दरों में कटौती की थी। अक्टूबर-दिसंबर 2019 और जनवरी-मार्च 2020 तिमाहियों में दरों को यथावत रखा गया था। केंद्र को उम्मीद है कि भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति भी नीतिगत दरों में कटौती करेगी जिससे पूंजी की लागत में और कमी लाने में मदद मिलेगी। एक वरिष्ठï सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘अर्थव्यवस्था को गति देने और दरों में कटौती का लाभ उपभोक्ताओं को देने के लिए सरकार उधारी गतिविधियों में सुधार के लिए कुछ कदम उठा सकती है।’ अधिकारी ने इस बात की पुष्टिï की कि लघु बचत योजना की ब्याज दर में कटौती पर विचार किया जा रहा है।

येस बैंक प्रकरण से लोगों का भरोसा डगमगाया

एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘वित्तीय क्षेत्र को पारदर्शी बनाने के उपाय किए जा रहे हैं लेकिन इसका अल्पकालिक प्रभाव यह है कि क्रेडिट के कुछ रास्ते अवरुद्ध हैं। कोरोनावायरस ने भी वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है। ऐसे समय में हम क्रेडिट गतिविधियों में सुधार करना चाहते हैं और हमें उम्मीद है कि आरबीआई भी दूसरे देशों के केंद्रीय बैंकों द्वारा किए गए उपायों का अनुसरण करेगा।’ अधिकारियों ने स्वीकार किया कि संभव है कि येस बैंक प्रकरण से लोगों का वित्तीय क्षेत्र पर भरोसा डगमगा गया है और पूंजी की लागत कम करना इस भरोसे को फिर से कायम करने का एक उपाय है। उन्होंने कहा कि लघु बचत योजनाओं में ब्याज की दरों में कटौती से बैंक भी दरों में कटौती के लिए प्रोत्साहित होंगे।

Check Also

अब आम जन से उठने लगी मध्य प्रदेश में तीसरे दल की मांग – अतुल मलिकराम (राजनीतिक रणनीतिकार)

न्यू दिल्ली। तकरीबन आठ करोड़ की आबादी किसी एक दल के विचारों से मेल कैसे …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *