जयपुर। केंद्रीय सूचना-प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Union Minister of Information and Broadcasting Prakash Javadekar) का कहना है कि ‘रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन’ (Resident Welfare Association) (आरडल्ब्यूए) समेत किसी भी निकाय द्वारा लोगों के घरों में अखबारों की डोर-टू-डोर डिलीवरी रोकना सही नहीं है। एक इंटरव्यू में जावड़ेकर का कहना है कि वह रोजाना करीब 20 अखबार पढ़ते हैं और उन्हें इसमें कोई विशेष समस्या देखने को नहीं मिली है। जावड़ेकर का कहना है, ‘इसलिए कुछ आरडब्ल्यूए अथवा अन्य कुछ निकायों द्वारा अखबारों की डोर-टू-डोर डिलीवरी को रोका जाना सही नहीं है। उन्हें यह लोगों की पसंद पर छोड़ देना चाहिए कि वह अखबार पढ़ें या नहीं पढ़ें अथवा क्या पढ़ें।’
अखबारों की डोर-टू-डोर डिलीवरी रोकना गैरकानूनी
हाउसिंग सोसाइटियों के शीर्ष निकाय भी इस ओर इशारा करते रहे हैं कि लोगों के घरों में अखबारों की डोर-टू-डोर डिलीवरी रोकना गैरकानूनी है। इस मामले में हाल ही में ‘महाराष्ट्र सोसाइटीज वेलफेयर एसोसिएशन’ (Maharashtra Societies Welfare Association) (MahaSeWa), ‘द महाराष्ट्र हाउसिंग फेडरेशन’ और ‘द यूनाइटेड आरडब्ल्यूज जॉइंट एक्शन’ (The United RWs Joint Action) (URJA) बयान भी जारी कर चुके हैं। इन सभी निकायों का कहना है कि लोगों के घरों में अखबारों की डिलीवरी एक आवश्यक सेवा है और इस रोका नहीं जा सकता है।
अखबारों की डोर-टू-डोर डिलीवरी न रोकने के लिए कहा
उन्होंने आरडब्ल्यूए पदाधिकारियों को इस सेवा में हस्तक्षेप न करने या सक्षम अधिकारियों के आदेशों का उल्लंघन न करने के लिए कहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, दिल्ली में भी आरडब्ल्यूए के शीर्ष निकाय ने सभी आरडब्ल्यूए व हाउसिंग सोसाइटीज से लोगों के घरों में अखबारों की डोर-टू-डोर डिलीवरी न रोकने के लिए कहा है।