नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी विमानन सेवा प्रदाता कंपनी इंडिगो के सह-संस्थापक राकेश गंगवाल ने कहा है कि वह अपने पार्टनर राहुल भाटिया से विवाद के बावजूद कंपनी में अपनी हिस्सेदारी नहीं बेचेंगे और इसे बरकरार रखेंगे। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में भाटिया पर कंपनी के कॉर्पोरेट गवर्नेंस को बदतर करने का आरोप लगाने वाले गंगवाल ने कहा, ‘मैं यहां लंबी पारी खेलने के लिए आया हूं। मेरी इच्छा न तो अपनी हिस्सेदारी बेचने की है और ना ही इसे बढ़ाने की।’
गंगवाल ने भाटिया के साथ मिलकर 2005 में इंडिगो को अस्तित्व में लाया था, जिसने अपने प्रतिद्वंद्वियों को पीछे छोड़ते हुए लगभग आधे बाजार पर कब्जा जमा लिया और इससे दोनों ही प्रमोटर मालामाल हो गए। यूएस एयरवेज में सीईओ रह चुके गंगवाल की इंडिगो का संचालन करने वाली कंपनी इंटरग्लोब एविएशन लिमिटेड में 37% हिस्सेदारी है, जबकि उनके पार्टनर की हिस्सेदारी 38% है। इंटरग्लोब एविएशन को शुरू करते वक्त भाटिया और गंगवाल के बीच जो समझौता हुआ था, उससे कंपनी में चेयरमैन, मैनेजिंग डायरेक्टर, सीईओ, प्रेजिडेंट और तीन नॉन-इंडिपेंडेंट डायरेक्टर अपॉइंट करने के अधिकार भाटिया को मिले थे। इसका मतलब यह है कि भाटिया इन पदों पर जिसे चाहें, नियुक्त कर सकते हैं और गंगवाल को उनका समर्थन करना होगा। माना जा रहा है कि दोनों के बीच झगड़े की जड़ यही समझौता है।