Jaipur. सरकार ने डिजिटल परिसंपत्तियों की निगरानी (Monitoring of Digital Assets) को कड़ा करने के लिए क्रिप्टोकरेंसी या आभासी परिसंपत्तियों पर मनी लॉन्डरिंग (Money laundering on cryptocurrencies or virtual assets) के प्रावधान लागू किए हैं। वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने एक गजट अधिसूचना में कहा कि क्रिप्टो लेनदेन, पास में रखने और संबंधित वित्तीय सेवाओं के लिए मनी लॉन्डरिंग निवारण कानून लागू किया गया है। ऐसे में भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंजों को वित्तीय खुफिया इकाई भारत (Financial Intelligence Unit India) (एफआईयू-भारत) को संदिग्ध गतिविधियों की सूचना देनी होगी।
कर लगाने के लिए नहीं थी कोई स्पष्ट नीति
यह कदम बैंकों या शेयर दलालों जैसी अन्य विनियमित संस्थाओं के समान ही डिजिटल परिसंपत्तियों के लिए मनी लॉन्डरिंग निवारण कानूनों का पालन करने की अनिवार्यता के वैश्विक चलन के अनुरूप है। पिछले कुछ वर्षों के दौरान डिजिटल मुद्रा या परिसंपत्तियां दुनिया भर में लोकप्रिय हुई हैं। हालांकि, पिछले साल तक भारत के पास ऐसी परिसंपत्तियों को विनियमित करने या उन पर कर लगाने के लिए कोई स्पष्ट नीति नहीं थी। अधिसूचना में कहा गया है कि ऐसी परिसंपत्तियों पर अब मनी लॉन्डरिंग निवारण अधिनियम, 2002 (Money Laundering Prevention Act) लागू होगा।