अमेरिकी मंत्री ने कहा, ‘भारत के पास दूसरी जगह चल रहे व्यापार विवाद का फायदा उठाने का सही मौका है। गोयल के साथ बैठक में हमने उन क्षेत्रों की एक रूपरेखा तैयार की है जहां भारत की तुलना में चीन हमें ज्यादा निर्यात करता है और इसका क्या समाधान हो सकता है और हम इसे कैसे बदल सकते हैं।’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाल की अमेरिका यात्रा के दौरान इस तरह की अटकलें थी कि दोनों देशों के बीच एक सीमित व्यापार समझौता हो सकता है। लेकिन रॉस ने इसे खारिज करते हुए कहा कि दोनों देश जल्दी ही एक समझौते पर हस्ताक्षर कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘किसी भी सरकार ने यह नहीं कहा कि पांच मिनट में एक व्यापार समझौता होगा। हमने ऐसा नहीं कहा और न ही गोयल ने ऐसा कहा। मुझे लगता है कि यह केवल अटकलबाजी थी। हमें लगता है कि ऐसे कोई कारण नहीं है जिससे जल्दी समझौता न हो। हम एकदूसरे की समस्याओं को अच्छी तरह जानते हैं।’
आईसीटी उत्पादों में आयात शुल्क में कमी की भी मांग
अमेरिका भारत में अपने कृषि और विनिर्माण उत्पादों, दुग्ध उत्पादों और चिकित्सा उपकरणों के लिए व्यापक बाजार पहुंच चाहता है। साथ ही वह कुछ आईसीटी उत्पादों में आयात शुल्क में कमी की भी मांग कर रहा है। उन्होंने कहा कि अमेरिका भारत के साथ व्यापार घाटे को कम करना चाहता है जो संरक्षणवाद और कृत्रिम बाधाओं के कारण बढ़ा है। अमेरिकी मंत्री ने कहा कि मोटरसाइकिलों पर आयात शुल्क कम करने और चिकित्सा उपकरणों पर मूल्य नियंत्रण हटाने की मांग का मकसद अनुचित व्यापार व्यवस्थाओं से निपटना है।