Jaipur. करीब आठ महीने के इंतजार के बाद भारत-ऑस्ट्रेलिया अंतरिम व्यापार समझौता (India-Australia Interim Trade Agreement) गुरुवार से लागू हो रहा है। इसके तहत 29 दिसंबर को ही आभूषण एवं इंजीनियरिंग उत्पाद जैसी वस्तुओं की खेप भेजी जाएंगी। अंतरिम व्यापार समझौते को आर्थिक सहयोग एवं व्यापार समझौता (Economic Cooperation and Trade Agreement) (ईसीटीए) भी कहा जाता है। इसमें आधे दशक के दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना कर 50 अरब डॉलर तक पहुंचाने की क्षमता है। इस व्यापार समझौते पर 2 अप्रैल को हस्ताक्षर किए गए थे।
98.3 फीसदी उत्पादों के निर्यात के लिए भारत को तरजीह
इस समझौते के तहत ऑस्ट्रेलिया 29 दिसंबर से अपनी शुल्क सूची में मौजूद 98.3 फीसदी उत्पादों के निर्यात के लिए भारत को तरजीही बाजार देगा। अगले पांच वर्षों में भारत को चरणबद्ध तरीके से ऑस्ट्रेलिया की सूची में मौजूद 100 फीसदी सामान के लिए तरजीही बाजार मिल जाएगा। इससे वाहन, कपड़ा, रत्नाभूषण, चिकित्सा उपकरण, इंजीनियरिंग उत्पाद जैसी वस्तुओं के निर्यात को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
निर्यात बढ़कर पहुंच सकता 10 अरब डॉलर तक
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने कहा कि इससे वित्त वर्ष 2027 तक भारत का वस्तु निर्यात बढ़कर 10 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। इससे भारत में 10 लाख अतिरिक्त रोजगार और ऑस्ट्रेलिया में रोजगार के अवसर सृजित करने में भी मदद मिलेगी। भारत के श्रम बहुल क्षेत्रों को इस समझौते से काफी फायदा मिलने की उम्मीद है क्योंकि ऑस्ट्रेलिया इन वस्तुओं पर 4 से 5 फीसदी आयात शुल्क लगाता है, जो अब तत्काल प्रभाव से शुल्क मुक्त हो जाएंगे।