जयपुर: भारत की सबसे बड़ी नॉन-बैंकिंग फाईनेंशल कंपनियों में से एक, आईआईएफएल फाईनेंस (Non-Banking Financial IIFL Finance) 6 जनवरी, 2023 को सुरक्षित बॉन्ड्स के पब्लिक इश्यू जारी करेगा। इसका उद्देश्य व्यवसायिक वृद्धि और पूंजी बढ़ाने के लिए 1,000 करोड़ रु. एकत्रित करना है। ये बॉन्ड अत्यधिक सुरक्षा के साथ 9 प्रतिशत तक की ब्याज दर प्रदान करेंगे।
आईआईएफएल फाईनेंस 100 करोड़ रु. के सिक्योर्ड रिडीमेबल नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर
फेयरफैक्स द्वारा सहयोग प्राप्त आईआईएफएल फाईनेंस 100 करोड़ रु. मूल्य के सिक्योर्ड रिडीमेबल नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर (एनसीडी) (Non-Banking Financial IIFL Finance public issue price) जारी करेगा, जिसमें 900 करोड़ रु. तक के ओवर-सब्सक्रिप्शन को बनाए रखने के लिए ग्रीन-शू का विकल्प होगा (इस प्रकार कुल मूल्य 1,000 करोड़ रु. हो जाएगा)। आईआईएफएल बॉन्ड 60 महीनों की अवधि के लिए 9 प्रतिशत प्रतिवर्ष की सर्वोच्च प्रभावशाली ब्याज दर प्रदान करेगा। यह एनसीडी 24 महीनों, 36 महीनों, और 60 महीनों की अवधियों के लिए उपलब्ध हैं। ब्याज के भुगतान की आवृत्ति मासिक, वार्षिक या फिर 60 महीनों की अवधि पूरी होने पर मैच्योरिटी पर होगी, जबकि अन्य अवधियों के लिए यह वार्षिक आधार पर और मैच्योरिटी के समय है।
भारत में 3600 से ज्यादा शाखाओं
इसकी क्रेडिट रेटिंग क्राईसिल द्वारा एए/स्टेबल है, जिससे प्रदर्शित होता है कि इन इंस्ट्रूमेंट्स को वित्तीय दायित्वों को समय पर पूरा करने के लिए अत्यधिक सुरक्षित माना जाता है, तथा इसके साथ क्रेडिट जोखिम बहुत कम है। श्री कपीश जैन, सीएफओ, आईआईएफएल फाईनेंस ने कहा, ‘‘भारत में 3600 से ज्यादा शाखाओं और डाईवर्सिफाईड रिटेल पोर्टफोलियो के साथ आईआईएफएल फाईनेंस वंचित लोगों की क्रेडिट की जरूरतों को पूरा करता है। इसके द्वारा एकत्रित किए गए फंड का उपयोग वंचितों की क्रेडिट की जरूरतों को पूरा करने और हमारे डिजिटल परिवर्तन को गति देने के लिए किया जाएगा, ताकि यह पूरी प्रक्रिया सुगम बने।’’
55,302 करोड़ रु. के लोन एस्सेट्स अंडर मैनेजमेंट
उन्होंने कहा, ‘‘आईआईएफएल का ट्रैक रिकॉर्ड बेहतरीन है और यह 25 सालों से ज्यादा समय से सभी बॉन्ड इश्यूज़ एवं ऋण दायित्वों का भुगतान समय पर करता आया है।’’ आईआईएफएल फाईनेंस भारत की सबसे बड़ी रिटेल-केंद्रित फाईनेंशल सर्विसेज़ कंपनियों में से एक है। 30 सितंबर, 2022 को आईआईएफएल फाईनेंस के पास 55,302 करोड़ रु. के लोन एस्सेट्स अंडर मैनेजमेंट थे। इसमें से 95 प्रतिशत बुक रिटेल की है, जो स्मॉल टिकट लोन पर केंद्रित है।