कर्जों को इकट्ठा करें- बहुत सारे कर्जों को एक साथ लाना कर्जों के निपटारे में सहायता करता है। इस उपाय के जरिए आप अपने कर्जों को छोटी-छोटी किश्तों के जरिए लंबे समय में चुका सकते हैं। इस माध्यम से आप अपने सभी कर्जों को इकट्ठा करके एक डेट पोर्टफोलियो बना सकते हैं। इसे डेट कन्सोलिडेशन कहा जाता है। अगर आपने काफी सारे लोन ले रखें हैं और आप सब चुकाने में सक्षम नहीं हैं तो डेट कन्सोलिडेशन के जरिए आप इन्हें धीरे-धीरे लंबे समय में चुका सकते हैं। एक बात का ध्यान रखना चाहिए कि लंबे समय में कर्ज चुकाना ज्यादा महंगा पड़ता है। हालांकि डेट कन्सोलिडेशन का मुख्य उद्देश्य छोटी अवधि में आपको मुसीबत से निकालना है। एक बार आपकी आर्थिक स्थिति ठीक हो जाए तो आप अनुमानित समय से पहले अपने कर्ज चुकता कर सकते हैं।
टॉप अप या सिक्योर्ड लोन- अगर आपने होम लोन लिया है तो आप अपने मौजूदा लोन पर टॉप अप करा सकते हैं और सस्ती दरों पर क्रेडिट ले सकते हैं। इसके अलावा एक और रास्ता है। आप अपने बैंक से बात करें और अपने लोन को घर, वाहन के बदले में सिक्योर्ड लोन में परिवर्तित करवा लें। इसके जरिए आप अपने लोन की ब्याज दरों और लोन अवधि के अध्य्यन के बाद सस्ती दरों पर मासिक भुगतान के जरिए कर्ज चुका सकते हैं।
पर्सनल लोन को अन्य लोन में बदलने में केवल एक ही नुकसान हो सकता है कि अगर आप कर्ज चुकाने में असफल होते हैं तो आपके गारंटर का साथ छूट सकता है। इसलिए आपको ये सुझाव दिया जाता है कि अपनी लोन चुकाने की क्षमता के आधार पर आप मौजूदा लोन को सिक्योर्ड लोन में बदलवा लें जिससे कोलेट्रल को खोने का जोखिम ना हो। याद रखें कि अपने पर्सनल लोन में एक बार डिफॉल्ट होने पर भी आपको लोन चुकाने और भविष्य में जरुरत पड़ने पर लोन लेने में दिक्कत हो सकती है। अगर लोन डिफॉल्ट होने की स्थिति आए तो देनदार से बात करें और इसका समाधान खोजने की कोशिश करें। सामान्य परिस्थितियों में देनदार डिफॉल्ट पूंजी की 20 फीसदी राशि के बराबर पेनल्टी लगा सकता है जो सिर्फ आपके ऊपर ही अतिरिक्त बोझ होगा। इसलिए ऐसी स्थिति से बचने के लिए देनदार से बात करें और समाधान ढ़ूंढ़ने की कोशिश करें।
याद रखें: ऊंची ब्याज दरों के चलते पर्सनल लोन हमेशा से ही मंहगे विकल्प साबित होते हैं और जितनी जल्दी इन्हें बंद कर दिया उतना बेहतर है।