न्यूयॉर्क। वैज्ञानिकों ने नए कोरोना वायरस (corona virus) की एक विशेषता की पहचान की है जिससे यह मेजबान के प्रतिरोधक तंत्र से बचते हुए प्रभावी रूप से कोशिका में प्रवेश करता है। इस खोज से कोविड-19 (Covid-19) के खिलाफ दवा विकसित करने में मदद मिल सकती है।
वैज्ञानिकों ने यूं लगाया पता
अमेरिका के माउंट सिनाई स्थित ईक्हैन स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधार्थियों समेत शोधकर्ताओं का मानना है कि यह समझने से कि नया कोरोना वायरस (corona virus), सार्स-सीओवी-2 कैसे कोशिका में प्रवेश करता है और अन्य कोरोना वायरसों (corona virus) से इसकी तुलना कोविड-19 (Covid-19) का इलाज तलाश करने की दिशा में अहम कड़ी है। पीएनएएस नामक पत्रिका में छपे नए अध्ययन के मुताबिक वैज्ञानिकों ने यह पता लगा लिया है कि कैसे सार्स-सीओवी-2 और 2002-03 में महामारी का सबब बना। सार्स-सीओवी वायरस मानव एसीई-2 अभिग्राही प्रोटीन को कोशिका में घुसने के लिये प्रवेश द्वार के तौर पर इस्तेमाल करता है।
रिसेप्टर बाइंडिंग डोमेन
नया कोरोना वायरस (corona virus) और सार्स-सीओवी कोशिकाओं में कैसे प्रवेश करते हैं, यह समझने के लिये प्रयोगशाला में संश्लेषित संस्करण के परीक्षण से शोधकर्ताओं ने उस अहम तंत्र की पहचान की, जिससे सार्स-सीओवी-2 मेजबान के प्रतिरोधी तंत्र से बचते हुए कोशिका में प्रवेश करता है। सार्स-सीओवी-2 की सतह पर मौजूद शूलयुक्त प्रोटीन मेजबान कोशिका के अभिग्राही एसीई2 से एक हिस्से के जरिये उसकी सतह पर जुड़ता है, जिसे अभिग्राही बाध्यकारी क्षेत्र (रिसेप्टर बाइंडिंग डोमेन) या आरबीडी कहते हैं।
शरीर में मौजूद जैविक अणुओं से आरबीटी सक्रिय
वैज्ञानिकों का कहना है कि आरबीटी मानव शरीर में मौजूद जैविक अणुओं से सक्रिय होता है जिसे प्रोटीजेज कहते हैं। अध्ययन के मुताबिक सार्स-सीओवी-2 आरबीडी में 2002-03 के सार्स वायरस के मुकाबले उच्च एसीई बाध्यकारी प्रभाव होता है, जो नए वायरस (corona virus) के कोशिका में प्रवेश को ज्यादा सुगम बनाने में मदद करता है।