नई दिल्ली. शिव जी के प्रसाद के रूप में भाग चढ़ाया जाता है। वहीं होली में भी इसे बूटी की तरह ठंडाई के साथ लिया जाता है। भांग अगर सिमित मात्रा में कभी-कभार लिया जाए तो इसके नुकसान नहीं हैं। वहीं अगर भांग के आदि हो जाएं तो ये नशे की लत लगा सकती है। लेकिन क्या आपको पता है भांग का प्रयोग प्राचीन काल से दवा के रूप में होता रहा है। भांग का कई बीमारियों में प्रयोग सफल भी रहा है। भांग का प्रयोग उन मरीजों पर भी किया जाता है जिन्हें पेन किलर गोलियां लेना मना होता है। भांग दर्द सहने की क्षमता को बढ़ाता है। इसलिए इसका प्रयोग असहनीय दर्द में किया जाता है। ‘अथर्ववेद’ में इसे चिंता दूर करनेवाली एक जड़ी-बूटी बताया गया है। दरअसल भांग में मौजूद टीएचसी तत्व पाया जाता है जो मस्तिष्क के उन हिस्सों को सक्रिय बनाता है। ये दर्द से लड़ने के लिए या बर्दाश्त करने की क्षमता के लिए काम आते हैं। पैन नामक जनरल में भी यह बात साबित हुई है। डॉक्टर माइकल ली ने इस शोध में पाया कि डेल्टा 9 टेट्राहाइड्रोकेनाबिनॉल के इस्तेमाल के बाद लोगों को दर्द का अहसास कम होता है और एमआरआई स्कैन से पता चला कि दिमाग के एक खास हिस्से की सक्रियता कम हो गई जिससे इन लोगों को दर्द का बहुत ज्यादा अहसास नहीं हुआ।
भांग से सेहत लाभ
भांग का प्रयोग दर्द दूर करने के साथ ही मिचली और उल्टी के इलाज में भी काम आता है। साथ ही इसका प्रयोग डायबिटीज में वेट में होने वाली कमी और तंत्रिकातंत्र संबंधी रोगों के इलाज में भी होता है। बुखार, पेचिश के इलाज, तुरंत पाचन और भूख बढ़ाने में भी इसका प्रयोग होता है। इतना ही नहीं गठिया, अवसाद और चिंता के इलाज के लिए भी इसे यूज किया जाता है। भांग की ताजा पत्तियों का लेप लगाने से त्वचा रोग भी ठीक होता है। इसके अलावा आइए जाने इसके और फायदे। चक्कर से बचाव हैपेटाइटिस सी के साइड इफेक्ट से आराम भांग में पाया जाने वाला कैनाबिनॉएड्स कंपाउंड इंसान को शांत रखता है और ये शांत रहने वाले हिस्से को ये एक्टिवेट कर देता है। यही नहीं जिन्हें बार-बार चक्कर आने की समस्या हो उसे भी ये ठीक करता है।यूरोपियन जरनल ऑफ गैस्ट्रोलॉजी एंड हेपाटोलॉजी के मुताबिक भांग की मदद से 86 फीसदी मरीज हैपेटाइटिस सी से मुक्त हो गए।
कैंसर पर असर
भांग कैंसर से लड़ने में सक्षम माना जाता है। शोध बताते हैं कि यह ट्यूमर के विकास के लिए जरूरी रक्त कोशिकाओं को रोक देते हैं। कैनाबिनॉएड्स से कोलन कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर और लिवर कैंसर का सफल इलाज होता है। भांग स्ट्रोक की स्थिति में मस्तिष्क को नुकसान से बचाता है। भांग स्ट्रोक के असर को दिमाग के कुछ ही हिस्सों में सीमित कर देती है। यानी भांग को केवल नशे की वस्तु अब समझना बंद कर दें। हालांकि खुद से भांग लेना खतरनाक हो सकता है लेकिन कभी-कभार इसे लेना हानिकारक नहीं है।