जयपुर। ऑनलाइन रिटेल का चलन कितना ही बढ़ जाए, यह पारम्परिक स्टोर्स की जरूरत को खत्म नहीं कर सकता, अगर असंगठित रहा किराना उद्योग, संगठित होकर काम करने लगे तो न केवल प्रतिस्पर्धा में टिके रहने में मदद मिल सकती है, बल्कि अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। यह मानना है किराना किंग के संस्थापक अनूपकुमार खंडेलवाल का।
किराना किंग इस साल जयपुर में 250 स्टोर को अपने साथ जोड़ेगा। पांच साल में कंपनी 14 राज्यों में 700 दुकानों तक अपनी पहुंच बनाएगा। कंपनी 2020 तक नया फ्रेंचाइजी मॉडल भी लॉन्च करेगी। किराना किंग ऑनलाइन प्लेटफाम्र्स से देशव्यापी टक्कर लेने के लिए लगभग 50 से 60 करोड़ रुपए जुटाने का प्रयास कर रहा है। गौरतलब है कि किसी दुकान या स्टोर अपने बैनर में शामिल करने से पहले किराना किंग, उस स्टोर के रंग-रूप और ग्राहक के अनुभव में सुधार करने के लिए बुनियादी ढांचे में निवेश करता है। कंपनी यूएस और यूरोप में प्रचलित ‘क्लिक एंड कलेक्ट अवधारणा के साथ डायनामिक अल्टरनेट कॉमर्स (डीएसी) की शुरुआत भी एक बड़ा फर्क लाएगी। इस मॉडल में ग्राहक एप के माध्यम से ऑर्डर दे सकते हैं और किराना की वस्तुओं को पूर्व-निर्धारित समय पर कलेक्ट कर सकते हैं।