उद्यमों को राहत
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली वित्त व्यय समिति (इएफसी) ने इस योजना को मंजूरी दे दी है। इस प्रस्ताव को अगली कैबिनेट बैठक में मंजूरी मिलने की उम्मीद है। बहुत से एमएसएमई ऐसे हैं, जो काफी मुश्किलों से जूझ रहे हैं, उन्हें आगे बढ़ाया जा सकता है। इस फंड का उद्देश्य ऐसे ही उद्यमों को राहत देने का है।
चीन की मैन्युफैक्चरिंग पर दुनिया भर में सवाल, भारत को मौका
इस प्रस्ताव में कहा गया है कि यदि फंड का 10 फीसदी हिस्सा भी सीड मनी के रूप में निवेश किया जाता तो बैंक आगे इन एमएसएमई की मदद कर सकते हैं। अभी बैंक भी इन्हें पूंजी मुहैया कराने में डर रहे हैं। वहीं दूसरे प्रस्ताव के मुताबिक ऐसी सुविधा का इस्तेमाल बढ़ाया जाएगा जो पहले से उपलब्ध है। यह दूसरा फंड उन उद्यमों के लिए होगा, जिनके पास गुणवत्ता और मात्रा के लिहाज से उत्पादन बढ़ाने की क्षमता है। वहीं जानकारों का कहना है कि भारतीय एमएसएमई को अगले स्तर पर जाने का खास मौका है, क्योंकि चीन की मैन्युफैक्चरिंग पर दुनिया भर में सवाल खड़े हो रहे हैं।