नई दिल्ली. किरीट पारिख समिति (Kirit Parikh Committee) ने सीएनजी को जीएसटी के दायरे में लाए जाने तक इस पर लगाए जाने वाले केंद्रीय उत्पाद शुल्क (central excise) में कटौती करने का सुझाव केंद्र सरकार को दिया है प्राकृतिक गैस की कीमत समीक्षा के लिए गठित पारिख समिति ने पिछले हफ्ते पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय (Ministry of Petroleum and Natural Gas) को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि संपीडित प्राकृतिक गैस (सीएनजी) को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाया जाना चाहिए।
इन्हें एकीकृत कर प्रणाली से रखा बाहर
समिति ने रिपोर्ट में कहा है, ‘‘हमारा मत है कि इस मसले पर राज्यों के बीच सहमति बनाने की जरूरत है। इस मकसद को हासिल करने के लिए राज्यों को राजस्व में किसी भी तरह की क्षति के एवज में पांच साल तक मुआवजे का प्रावधान किया जा सकता है। सहमति बनाने की प्रक्रिया अब शुरू की जानी चाहिए।’’ प्राकृतिक गैस के साथ कच्चे तेल, पेट्रोल, डीजल एवं विमान ईंधन एटीएफ को जुलाई, 2017 में जीएसटी व्यवस्था लागू होने के समय से ही इस एकीकृत कर प्रणाली से बाहर रखा गया है।.