खरीदार को कंपनी का मैनेजमेंट कंट्रोल भी
खरीदार को कंपनी का मैनेजमेंट कंट्रोल भी सौंप दिया जाएगा, इसमें नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड में बीपीसीएल के 61.65 फीसद शेयर शामिल नहीं हैं। एनआरएल में कंपनी की हिस्सेदारी किसी सरकारी तेल एवं गैस कंपनी को बेची जाएगी। विनिवेश प्रक्रिया से जुड़े परामर्श के लिए डिलोईट टचे तोह्मात्सू इंडिया लिमिटेड को नियुक्त किया है, जो दो चरणों में पूरी होगी। ऑफर डॉक्युमेंट के मुताबिक सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियां बीपीसीएल के निजीकरण प्रक्रिया में हिस्सा नहीं ले पाएंगी, जबकि 10 अरब डॉलर से अधिक नेटवर्थ वाली कोई भी कंपनी या अधिकतम चार कंपनियों का समूह इस बोली में हिस्सा ले सकता है।
बीपीसीएल का बाजार पूंजीकरण 87,388 करोड़ रुपये
बीपीसीएल का बाजार पूंजीकरण फिलहाल 87,388 करोड़ रुपये है, जबकि सरकार की हिस्सेदारी 46,000 करोड़ रुपये है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2020-21 में विनिवेश के जरिए 2.1 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है, ऐसे में निजीकरण काफी अहम् है। बीपीसीएल देश में चार जगहों मुंबई (महाराष्ट्र), कोच्चि (केरल), बीना (मध्य प्रदेश) और नुमालीगढ़ (असम) में रिफाइनरियों का परिचालन करती है। इनकी कुल क्षमता 3.83 करोड़ टन प्रति वर्ष की है।