जिन दो प्रमुखों पर जोर दिया जा सकता है, उनमें विदेशी मुद्रा भंडार और लोगों से सोना खरीदकर उन्हें गिरवी रख मुद्राएं छापना शामिल हैं
मुंबई। सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए भारी भरकम वित्तीय प्रोत्साहन की घोषणा की है। इतनी बड़ी रकम का इंतजाम करने के लिए सरकार कई उपायों पर विचार कर रही है। सूत्रों का कहना है कि जिन दो प्रमुखों पर जोर दिया जा सकता है, उनमें विदेशी मुद्रा भंडार (foreign exchange reserves) और लोगों से सोना खरीदकर (gold) उन्हें गिरवी रख मुद्राएं छापना (printing currency) शामिल हैं।
छोटे कारोबारियों और आम लोगों से खरीदारी
सूत्रों ने कहा कि इससे यह सुनिश्चित करने की कोशिश की जाएगी कि देश की वित्तीय स्थिति पर पर असर नहीं पड़े। इतना ही नहीं, गिरवी रखकर रकम का इंतजाम करने से देश की रेटिंग पर भी नकारात्मक असर नहीं होगा। सोने की बात करें तो सरकार इसके लिए छोटे कारोबारियों और आम लोगों से इसकी खरीदारी करेगी और यह लेनदेन बैंकिंग प्रणाली के माध्यम से होगा।
भाव चढऩे के बाद लोग बेच रहे सोना
जिन आभूषण कारोबारियों ने हाल में अपनी दुकानें खोली हैं, उनके अनुसार कई लोग भाव चढऩे के बाद सोना बेचने आ रहे हैं। कारोबारियों ने कहा कि नकदी की कमी के कारण भी लोग सोना बेच रहे हैं। समझा जा रहा है कि आभूषण दुकानें और खुलने से सोना बेचने वाले लोगों की संख्या में इजाफा दिखेगा।
स्रोत पूछने से बचना होगा
अगर सरकार बैंकिंग माध्यम से सोना बेचने की प्रक्रिया पूरी करती है तो इससे काफी मात्रा में इसका मुद्रीकरण वैध तरीके से हो पाएगा। हालांकि इसे बारे में एक अधिकारी ने कहा, ‘सरकार को सोने की खरीदारी करते वक्त वक्त इसका स्रोत पूछने से बचना होगा। लेनदेन प्रक्रिया सरल बनाने की कोशिश करनी होगी। विदेशी मुद्रा भंडार और सोना गिरवी रखकर रकम का इंतजाम करने से संप्रभु रेटिंग पर कोई असर नहीं होगा।’