नई दिल्ली। अमेरिका (America) ने भारत (India) में डिजिटल सेवा कर (Digital service tax) लगाने के खिलाफ प्रतिरोधी कर लगाने की चेतावनी दी है, वहीं इक्वलाइजेशन शुल्क की तीसरी किस्त जमा कराने के बाद इस शुल्क के संग्रह में 64 फीसदी का इजाफा हुआ है। इससे सरकार को प्रत्यक्ष कर संग्रह में सुधार लाने में थोड़ी मदद मिल सकती है। प्रत्यक्ष कर संग्रह पिछले महीने तक दो अंक में घटा था जो 7 जनवरी को 9.6 फीसदी कम रह गया।
2 करोड़ रुपये सालाना कारोबार वाली गैर-भारतीय ई-कॉमर्स कंपनियों पर 2 फीसदी कर
डिजिटल शुल्क (Digital service tax) का मकसद गैर-भारतीय ई-कॉमर्स ऑपरेटरों (Non-Indian e-commerce company) पर कर लगाना है। एक सरकारी अधिकारी के अनुसार चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के बाद इस मद में 1,436 करोड़ रुपये का संग्रह हुआ जबकि पिछले साल इसी मद में 877 करोड़ रुपये का डिजिटल कर मिला था। पिछले साल तक यह कर केवल डिजिटल विज्ञापन सेवाओं पर ही 6 फीसदी की दर से लगाया जाता था लेकिन चालू वित्त वर्ष में इसका दायरा बढ़ाकर 1 अप्रैल, 2020 से 2 करोड़ रुपये सालाना कारोबार वाली गैर-भारतीय ई-कॉमर्स कंपनियों (Non-Indian e-commerce company) पर 2 फीसदी कर (Digital service tax) लगाया गया है। इसके कर के दायरे में एडोब (Adobe), उबर (Uber), जूम (Zoom), एक्सपीडिया (Expedia), अलीबाबा (Alibaba), आइकिया (IKEA), लिंक्डइन (LinkedIn), स्पोटीफाई (Spotify) और ईबे (EBay) जैसी कंपनियां शामिल हैं।
प्रत्यक्ष कर संग्रह पिछले साल के बराबर करीब 10.53 लाख करोड़ रुपये
रिफंड के बाद शुद्घ प्रत्यक्ष कर संग्रह 8 जनवरी तक 6.32 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल समान अवधि में 6.99 लाख करोड़ रुपये था। 16 दिसंबर को इसमें पिछले साल की तुलना में 13 फीसदी की कमी थी जो अब घटकर 9.6 फीसदी रह गई है। सरकारी अधिकारी ने बताया, ‘आर्थिक गतिविधियों में सुधार के साथ कर संग्र्रह में भी तेजी आ रही है। हमें उम्मीद है कि इस साल भी प्रत्यक्ष कर संग्रह पिछले साल के बराबर करीब 10.53 लाख करोड़ रुपये रह सकता है। हालांकि विवाद से विश्वास तक समाधान योजना से प्रत्यक्ष कर संग्रह थोड़ा बढ़ भी सकता है।’
डिजिटल कर संग्रह में बेंगलूरु का करीब आधे का योगदान
डिजिटल कर संग्रह (Digital service tax) में बेंगलूरु का करीब आधे का योगदान रहा। वहां की कंपनियों से सरकार को इस मद में कुल 723 करोड़ रुपये का कर मिला है। हैदराबाद में 422 करोड़ रुपये कर संग्रह हुआ था जबकि पिछले साल वहां से 269 करोड़ रुपये का डिजिटल कर (Digital service tax) मिला था। दिल्ली में डिजिटल कर (Digital service tax) संग्रह में 376 फीसदी का इजाफा हुआ और इस मद में कुल 181 करोड़ रुपये का कर मिला, जबकि पिछले साल 38 करोड़ रुपये का डिजिटल कर (Digital service tax) मिला था। मुंबई मेें पिछल साल की तुलना में दोगुना 82 करोड़ रुपये का डिजिटल कर (Digital service tax) मिला।
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