नई दिल्ली : वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की 2024 की पहली तिमाही की गोल्ड डिमांड ट्रेंड्स रिपोर्ट में सामने आया है कि विश्व में सोने की मांग (ओटीसी खरीद सहित) साल-दर-साल 3 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 1238 टन तक पहुँच गई, जो 2016 के बाद पहली तिमाही में दर्ज की गई सबसे ज्यादा मांग है। ओटीसी को हटाकर देखा जाए, तो मांग 2023 की पहली तिमाही के मुबाबले इस तिमाही में 5 प्रतिशत गिरकर 1102 टन रही।
ओटीसी बाजार में अच्छा निवेश , केंद्रीय बैंक द्वारा निरंतर खरीद, और एशियाई खरीददारों के बीच सोने की ऊँची मांग के कारण सोने के मूल्य 2070 अमेरिकी डॉलर/आउंस के रिकॉर्ड त्रैमासिक औसत पर रहे, जो साल-दर-साल 10 प्रतिशत ज्यादा और तिमाही-दर-तिमाही 5 प्रतिशत ज्यादा है।
सोने के मूल्य मार्च के बाद अब तक के सबसे ऊँचे स्तर पर
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के सीनियर मार्केट एनालिस्ट, लुईस स्ट्रीट ने कहा, ‘‘मजबूत अमेरिकी डॉलर की पारंपरिक बाधाओं और लंबे समय तक ऊँची बनी रहने वाली ब्याज दरों के बावजूद सोने के मूल्य मार्च के बाद अब तक के सबसे ऊँचे स्तर पर पहुँच गए हैं।” हाल में आए उछाल के कई कारण हैं, जैसे बढ़े हुए भू-राजनीतिक जोखिम और मौजूदा मैक्रोइकोनॉमिक अनिश्चितता के कारण एक सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की मांग बढ़ रही है। इसके अलावा, केंद्रीय बैंकों द्वारा स्थिर और मजबूत मांग, मजबूत ओटीसी निवेश और डेरिवेटिव बाजार में खरीददारी बढ़ने से सोने की कीमतें ऊँची बनी हुई हैं।
केंद्रीय बैंकों द्वारा तेजी से सोने की खरीद जारी रही, जिससे इस तिमाही के दौरान सोने के आधिकारिक वैश्विक भंडार में 290 टन की बढ़ोत्तरी हुई। अस्थिर बाजार और बढ़ते जोखिम के बीच आधिकारिक क्षेत्र द्वारा लगातार और बड़ी खरीद से अंतर्राष्ट्रीय भंडार के पोर्टफोलियो में सोने का महत्व प्रदर्शित होता है। निवेश की मांग के मामले में सोने की ईंट और सिक्कों में निवेश साल-दर-साल 3 प्रतिशत बढ़ा, और 2023 की चौथी तिमाही में 312 टन के समान स्तर पर स्थिर रहा