पुणे। कोविड महामारी (Corona Pandemic) का देश की अर्थव्यवस्था पर व्यापक प्रभाव पड़ा है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा आज जारी पहले अग्रिम अनुमान में चालू वित्त वर्ष में देश के सकल घरेलू उत्पाद (Gross Domestic Product) में 7.7 फीसदी की गिरावट आने का अंदेशा जताया गया है। स्वतंत्र भारत के इतिहास में देश की अर्थव्यवस्था में इतनी बड़ी गिरावट पहली बार आएगी।
वास्तविक जीडीपी वृद्घि ऋणात्मक 6.5 से ऋणात्मक 9.9 फीसदी!
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय का अनुमान भारतीय रिजर्व बैंक के 7.5 फीसदी संकुचन के अनुमान के करीब है। अर्थव्यवस्था पर नजर रखने वालों का अनुमान है कि सालाना वास्तविक जीडीपी (Gross Domestic Product) वृद्घि ऋणात्मक 6.5 से ऋणात्मक 9.9 फीसदी रह सकती है।
नॉमिनल जीडीपी में 4.2 फीसदी का संकुचन : सरकार
सरकार के अनुमान के अनुसार नॉमिनल जीडीपी (Gross Domestic Product) में 4.2 फीसदी का संकुचन आएगा। आम बजट के लिहाज से अग्रिम अनुमान महत्त्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इन्हीं आंकड़ों के आधार पर मौजूदा कीमत पर अगले वित्त वर्ष के लिए जीडीपी (GDP) वृद्घि दर का आकलन किया जाता है। साथ ही राजकोषीय घाटा, कर के आंकड़े आदि की गणना में भी यह अहम होता है।
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चालू वित्त वर्ष में निवेश में 14.5 फीसदी की गिरावट
वित्त मंत्रालय की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘हाल के महीनों में उच्च आवृत्ति वाले संकेतक आर्थिक गतिविधियों में सुधार को दर्शाते हैं। विकसित देशों की तुलना में महामारी का बेहतर तरीके से प्रबंधन करने से आर्थिक गतिविधियों में सुधार देखी जा रही है।’ आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष में निवेश में 14.5 फीसदी की गिरावट आएगी, वहीं निजी उपभोक्ता व्यय 9.5 फीसदी घट सकता है। सरकार का व्यय बढ़ेगा।