जयपुर। महात्मा गांधी इन्स्टीट्यूट ऑफ गवर्नेन्स एण्ड सोशल साइन्सेज के आचार्यो द्वारा शुक्रवार को जयपुर के मुहाना स्थित जी.एल. सैनी मैमोरियल नर्सिंग कॉलेज में एक दिवसीय गांधी दर्शन प्रशिक्षण कार्यशाला में विद्यार्थियों को गांधी जी की मानव सेवा एवं नर्सिंग विद्यार्थियों के लिए गांधी दर्शन से ली जाने वाली सीख से रुबरु करवाया।
कार्यशाला में प्रोफेसर डॉ. विकास नौटियाल ने महात्मा गांधी द्वारा दक्षिण अफ्रीका में बोअर युद्ध एवं जूलू विद्रोह के दौरान बीमार एवं घायल सैनिकों की सेवा सुश्रुषा के लिए किये गये प्रयासों के बारे में विस्तारपूर्वक बताया और नर्सिंग स्क्वाड की स्थापना को इंगित करते हुए गांधी के सेवाभाव का विवेचन किया। उन्होंने बताया कि दक्षिण अफ्रीका में जूलू विद्रोह एवं बोअर युद्ध के दौरान गांधी जी ने इस विद्रोह और युद्ध में घायल सिपाहियों की पूरी तन्मयता के साथ सेवा की और उन्हें मीलों का सफर तय कर स्ट्रेचर पर अस्पताल पहुँचाया। उनकी इन सेवाओं के लिए सरकार द्वारा उन्हें ‘जूलू वार मेडल’ एवं ‘केसर ए हिन्द’ गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया था। प्रोफेसर नौटियाल ने गांधीजी की नर्सिंग सेवा को मानव सेवा के रूप में गांधी के जीवनवृत्त एवं आश्रम व्यवस्था के माध्यम से भी विवेचित किया।
संस्थान की सह आचार्य डॉ. ज्योति अरूण ने गांधी के विद्यार्थी जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि किस प्रकार विद्यार्थी जीवन में एक साधारण छात्र दक्षिण अफ्रीका में अपने प्रयोगों, तकनीकों एवं संघर्ष के माध्यम से महात्मा के रूप में रूपान्तरित हो गया। प्रशिक्षण के दौरान नर्सिंग के विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं को भी प्रश्ननोत्तर के माध्यम से शांत किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वैदिक चिंतक एवं संस्थान के संरक्षक यशपाल यश ने कहा कि गांधी जीवन का मन वचन कर्म से अहिंसा सत्य संयमित आचरण ही गांधीजी की वैश्विक स्वीकार्यता है।