जयपुर। दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ (दक्षेस) के प्रतिनिधियों के साथ कोरोनावायरस के गहराते संकट को नियंत्रित करने की तैयारियों का ब्योरा साझा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (narendra modi) ने कहा कि अब भी हालात के बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता है। रविवार को दक्षेस सदस्य देशों के नेताओं के बीच टेलीकॉन्फ्रेंसिंग के जरिये वार्ता हुई जिसमें नेताओं ने इस संक्रमण से निपटने के लिए ज्यादा सहयोग करने पर सहमति जताई जिनमें अपने-अपने देशों के स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुभवों को साझा करना भी शामिल है।
श्रीलंका, मालदीव और भूटान पर्यटन क्षेत्र पर ज्यादा निर्भर
श्रीलंका, मालदीव और भूटान जैसे देशों की निर्भरता पर्यटन क्षेत्र पर ज्यादा है जो हाल के हफ्ते में काफी प्रभावित हुआ है। ऐसे में श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे, मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम सोली और भूटा के प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग ने कहा कि यह साझा संघर्ष न केवल कोरोनावायरस के खिलाफ है बल्कि अर्थव्यवस्था में गिरावट के खिलाफ भी है।
दक्षेस में कोविड-19 आपात कोष सृजित करने का प्रस्ताव
प्रधानमंत्री मोदी (narendra modi) ने कोरोनावायरस के खतरे से निपटने के लिए संयुक्त रणनीति अपनाने की वकालत करते हुए रविवार को दक्षेस में कोविड-19 आपात कोष सृजित करने का प्रस्ताव किया और कहा कि भारत इस कोष के लिए 1 करोड़ डॉलर की प्रारंभिक पेशकश से शुरुआत कर सकता है। दक्षेस में सात सदस्य देश हैं लेकिन भारत और पाकिस्तान के बीच मतभेद बढऩे से से पिछले छह सालों से इसमें निष्क्रियता की स्थिति बनी हुई है।