नई दिल्ली: पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 8 रुपये और डीजल पर 6 रुपये प्रति लीटर की कटौती के सरकार के फैसले से जून से खुदरा महंगाई 25 आधार अंक घट सकती है। हालांकि अगर खाद्य कीमतों समेत अन्य उत्पादों पर इसके परोक्ष असर पर विचार करते हैं तो औसत मुद्रास्फीति चालू वित्त वर्ष के दौरान 40 फीसदी आधार तक घटने के आसार हैं।
यह महीना खत्म होने में केवल 10 दिन बचे हैं, इसलिए चालू महीने में इस उपाय का उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति दर पर असर केवल 7 से 8 आधार अंक रह सकता है। इंडियाा रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री देवेंद्र पंत ने कहा, ‘इस कदम का जून से करीब 25 आधार अंक का असर रह सकता है, जबकि मई में असर केवल 7 से 8 आधार अंक तक सीमित रह सकता है।’
इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने सीपीआई मुद्रास्फीति दर मई में 6.5 से 7 फीसदी रहने का अनुमान जताया है, जबकि अप्रैल में यह आठ साल के सबसे ऊंचे स्तर 7.79 फीसदी पर रही है। हालांकि इसमें आधार प्रभाव और उत्पाद शुल्क में कटौती का शुरुआती असर दोनों शामिल हैं।
अप्रैल 2021 में महंगाई दर 4.23 फीसदी रही थी और उस साल मई में बढ़कर 6.30 फीसदी पर पहुंच गई थी। अगर सब चीजें समान भी रहीं तो इससे ही महंगाई काफी घट जाएगी। इसे आधार प्रभाव कहा जाता है।
केंद्र के अलावा राजस्थान, केरल और ओडिशा और महाराष्ट्र ने पेट्रोल और डीजल पर अपना मूल्य संवर्धित कर (वैट) कम किया है। राजस्थान ने पेट्रोल पर 2.48 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 1.16 रुपये प्रति लीटर वैट कम किया है। केरल ने पेट्रोल पर 2.41 रुपये और डीजल पर 1.36 रुपये प्रति लीटर वैट कम किया है, जबकि ओडिशा ने क्रमश: 2.23 रुपये और 1.36 रुपये की कटौती की है। महाराष्ट्र ने पेट्रोल पर वैट 2.08 रुपये और डीजल पर 1.44 रुपये प्रति लीटर घटाया है।