टेलीग्राम यूजर्स सावधान! अकाउंट खाली कराने के लिए हैकर्स चल रहे है खतरनाक चाल
आरोपी के फोन नम्बर ऑन होने के बाद भी मुहाना पुलिस ने शुरू नहीं की जांच, इसी वजह से बढ़ रही वारदातें… पुलिस फोन नम्बर से पहुंच सकती है आरोपी तक
जयपुर. वॉट्सएप और अन्य सोशल मीडिया ऐप के बाद अब टेलीग्राम करके लोगों को ठगी का षिकार बनाया जा रहा है। हैकर्स टेलीग्राम ऐप को हैक कर अपने परिचितों और दोस्तों से पैसों की ठगी कर रहे हैं। वहीं कई ऐसे मामले भी सामने आए जहां यूजर्स के बैंक खातों को ये हैकर्स खाली कर उन्हें कंगाल बना देते हैं। टेलीग्राम के जरिए हैकिंग करने वाले साइबर क्रिमिनल्स आपके कॉन्टेक्ट लिस्ट में शामिल आपके दोस्तों को, आपके जानने वालों को मैसेज भेजकर उनसे गूगल पे, पेटीएम जैसे नम्बर पर पैसे मंगवा रहे हैं।
सांगानेर में हुआ मामला- सांगानेर के मंगलम आनंदा में रहने वाली दीपिका इस ठगी का षिकार हुई। दीपिका इस बात से बेखबर थी कि उनके पास टेलीग्राम से आया मैसेज किसी फर्जी का था। उन्हीं की बिल्डिंग में रहने वाले कपिल नाग के टेलीग्राम अकाउंट ;फर्जी टेलीग्राम अकाउंटद्ध से दीपिका को मैसेज आया कि उन्हें अरजेंट पैसों की जरूरत है. इससे पहले दीपिका उन्हें कॉल करके कन्फर्म करती एक ओर मैसेज आया कि पैसे भेजने के बाद स्क्रीनषॉर्ट कर दे। दीपिका को लगा कि किसी को अरजेंट जरूरत है तो उन्होंने तुरंत 8235652422 नम्बर पर 7000 रूपए गूगल पे कर दिए। पेमेंट करने के तुरंत बाद ही दीपिका के पास मैसेज आया कि गूगल पे पर क्या नाम दिखा रहा है तब दीपिका को लगा कि ये ऐसे क्यों पूछ रहे हैं। दीपिका ने कपिल नाग को फोन करके कन्फर्म किया तो समझ आया कि किसी फर्जी आदमी ने उनका टेलीग्राम अकाउंट हैक कर लिया है और वो उनके कॉन्टेक्ट लिस्ट में जानने वाले और रिष्तेदारों को मैसेज करके पैसे मांग रहा है।
फ्रॉड का नम्बर, एड्रेस सबकुछ है फिर भी पुलिस ने नहीं की कार्रवाई- ठगी का षिकार हुई दीपिका ने बैंक शाखा पहुंचकर खाते की जांच की तो मालूम चला कि जिस खाते में दीपिका ने गूगल पे किया था वो आईसीआईसीआई बैंक पटना का है। हालांकि बैंक ने अकाउंट होल्डर का पता नहीं बताया परंतु फोन पे पर आए पते में एमआई ट्रेडर्स 305, मानपुरा, दानापुरी दीनापुर खागुल जिला पटना का था। दीपिका ने ये सारी जानकारी मुहाना पुलिस में एक घंटे के अन्तराल में दे दी और साथ ही आईपी एड्रेस जहां से टेलीग्राम अकाउंट ओपरेट हो रहा है परंतु 48 घंटे तक पुलिस ने मामला दर्ज करना तो दूर जांच तक शुरू नहीं की जबकि आरोपी का फोन आज तक ऑन है। पुलिस अगर ऐसे आरोपियों को जल्द ही पकड़ सकेगी तो संभवतः भविष्य में ऐसी वारदातें कम हो जाएगी।
फर्जी टेलीग्राम ऐप- हैकर्स फर्जी टेलीग्राम ऐप से यूजर्स को फंसा रहे हैं.। फर्जी ऐप डाउनलोड करने वालों को डेटा और बहुत कुछ का नुकसान हो रहा है। हैकर्स लोगों के अकाउंट को खाली करने के लिए नई-नई चाल चल रहे हैं. ऐप्स को हैक करके हैकर्स आपके डिवाइस में घुसते हैं और बैंक अकाउंट को खाली कर देते हैं. पिछले साल भी कई ऐसे मामले आए थे. वॉट्सएप और अन्य सोशल मीडिया ऐप के बाद नई रिपोर्ट अब नकली टेलीग्राम डाउनलोड के जोखिम को उजागर कर रही है.
इंटरनेट पर मौजूद है नकली टेलीग्राम ऐप- इंटरनेट पर नकली टेलीग्राम ऐप उपलब्ध हैं और उन्हें डाउनलोड करने वालों को डेटा और बहुत कुछ का नुकसान हुआ है इसलिए यदि आप टेलीग्राम डाउनलोड करते हैं, तो सुनिश्चित करें कि यह एक वास्तविक स्रोत से है अन्यथा आपका डिवाइस हैक किया जा सकता है.
आसानी से डिवाइस में घुस रहे हैकर्स-साइबर सुरक्षा शोधकर्ताओं ने बताया कि नकली टेलीग्राम ऐप यूजर्स के लिए एक बड़ा खतरा बन रहे हैं क्योंकि वे आसानी से एंटीवायरस सिस्टम को बायपास कर देते हैं. हैकर नकली टेलीग्राम के माध्यम से पर्पल फॉक्स मैलवेयर ट्रांसफर कर रहे हैं, जैसा कि 2014 में इजरायली रक्षा बलों के पूर्व अधिकारियों द्वारा स्थापित मिनर्वा लैब्स द्वारा रिपोर्ट किया गया था.
डुप्लीकेट इंस्टॉलर- टेलीग्राम ऐप के डुप्लिकेट इंस्टॉलर इंटरनेट पर व्यापक रूप से प्रसारित किए जा रहे हैं. इनमें विंडोज आधारित पर्पल फॉक्स मैलवेयर छिपा हुआ है जो यूजर्स के सिस्टम से समझौता करता है. बड़ी संख्या में दुर्भावनापूर्ण इंस्टॉलर एक ही हमले की सीरीज का उपयोग करके पर्पल फॉक्स रूटकिट वर्जन वितरित करते पाए गए हैं. यह मैलवेयर या तो ईमेल के माध्यम से दिया जाता है या फ़िशिंग वेबसाइटों से डाउनलोड किया जाता है.
फोन में फोल्डर बनकर करेगा आपको कंगाल- नकली टेलीग्राम ऐप इंस्टॉलर के पास एक कम्पाइल्ड ऑटोल्ट (एक फ्रीवेयर बेसिक जैसी स्क्रिप्टिंग भाषा) स्क्रिप्ट है, जिसे टेलीग्राम डेस्कटॉप. इएक्सई कहा जाता है. यह हमले का पहला चरण है जिसके बाद टेक्सटइनपुट नाम का एक नया फ़ोल्डर बनाया जाता है और एक वैध टेलीग्राम इंस्टॉलर और एक दुर्भावनापूर्ण डाउनलोडर को हटा दिया जाता है. पोर्टल ने समझाया है कि मैलवेयर एक साथ काम करने वाली फाइलों की एक सीरीज के माध्यम से एक सिस्टम को संक्रमित करता है।
डाउनलोड सिर्फ गुगल प्ले या एपल स्टोर से-उपकरणों पर ये हमले बिना पता लगाए प्रभावी ढंग से चल सकते हैं. यूजर्स को सलाह दी जाती है कि वे केवल गुगल प्ले स्टोर या एपल प्ले स्टोर जैसे वैध स्रोतों से टेलीग्राम ऐप डाउनलोड करें. उन्हें किसी अन्य वेबसाइट से संदिग्ध लिंक वाले ऐप्स या ऐप्स के एपीके वर्जन्स से बचना चाहिए.