मुंबई : फेडरेशन ऑफ ऑब्सटेट्रिक एंड गायनेकोलॉजिकल सोसायटीज़ ऑफ इंडिया (फॉगसी) ने हाल ही में महिलाओं के लिए एक विस्तृत टीकाकरण शेड्यूल पेश किया है, जिसमें व्यस्क महिलाओं और नई माँओं को लगाए जाने वाले आवश्यक टीकों की विस्तृत सूची और टीकाकरण की अनुशंसित आवृत्ति दी गई है। फॉगसी और एमएसडी फार्मा ने भारत में महिला टीकाकरण की जागरुकता बढ़ाने और टीकों द्वारा महिलाओं की बीमारियों को रोकने में मदद करने के लिए गठबंधन किया है। अभिनेत्री और महिला स्वास्थ्य की समर्थक, काजल अग्रवाल ने हाल ही में मुंबई में आयोजित एक समारोह में टीकाकरण शेड्यूल का अनावरण किया। इस अवसर पर उनके साथ डॉ. जयदीप टांक, प्रेसिडेंट, फॉगसी; डॉ. माधुरी पटेल, सेक्रेटरी जनरल, फॉगसी; प्रो. डॉ. हृषिकेश पाई, फॉगसी के पिछले प्रेसिडेंट और एफआईजीओ (एशिया – ओशिनिया) के वर्तमान ट्रस्टी; डॉ. रेशमा पाई, फॉगसी की पूर्व प्रेसिडेंट; डॉ. नंदिता पलशेतकर, फॉगसी की पूर्व प्रेसिडेंट और आईएसएआर (इंडियन सोसाइटी ऑफ आर्टिफिशियल रिप्रोडक्शन) की पिछली प्रेसिडेंट और डॉ. प्रिया गणेशकुमार, फॉगसी ऑन्कोलॉजी कमिटी की चेयरपर्सन मौजूद थीं, जो फॉगसी के लिए इस परियोजना का नेतृत्व कर रही हैं।
इस लॉन्च के बाद वक्ताओं ने ‘महिलाओं में टीकाकरण और टीके द्वारा बीमारियों को रोकने के महत्व’ (इंपॉर्टेंस ऑफ इम्युनाईज़ेशन एंड वैक्सीन प्रिवेंटेबल डिज़ीज़ेज़ इन वीमैन) पर एक पैनल वार्ता भी की। इस रिपोर्ट में सामने आया कि महिलाएं पुरुषों के मुकाबले खराब सेहत में 25 प्रतिशत ज्यादा समय बिताती हैं। टीकाकरण से इस स्थिति में परिवर्तन लाया जा सकता है और महिलाओं को टीका लगाकर उन्हें बीमारियों से बचाया जा सकता है, जिससे उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा।
फॉगसी के प्रेसिडेंट, डॉ. जयदीप टांक ने कहा, ‘‘महिलाओं के लिए फॉगसी का अपडेटेड टीकाकरण शेड्यूल उनके निवारक स्वास्थ्य की ओर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इस विस्तृत संसाधन से महिलाओं और डॉक्टरों को स्पष्ट होगा कि उन्हें क्या करना है, जिससे टीकाकरण के बारे में जागरुकता बढ़ेगी। टीकाकरण महिलाओं को बीमारियों से सुरक्षा देने के लिए महत्वपूर्ण है और इससे भारत में इसका भार कम करने में मदद मिलेगी। मेरा विश्वास है कि यह कार्यक्रम भारत में महिलाओं की सेहत और स्वास्थ्य में बड़ा योगदान देगा और इससे पूरे समाज को फायदा मिलेगा।’’
फॉगसी के पिछले प्रेसिडेंट और वर्तमान एफआईजीओ ट्रस्टी (एशिया – ओशनिया) ने कहा, ‘‘जीवन के विभिन्न चरणों में संक्रामक बीमारियों से बचाने के लिए टीकाकरण का सुझाव दिया जाता है। भारत में व्यस्कों के बीच टीकाकरण का कवरेज लगभग नगण्य है और इस स्थिति में परिवर्तन होना चाहिए। लोगों और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को व्यस्क टीकाकरण के बारे में जागरुक किया जाना बहुत जरूरी है क्योंकि इससे भारत में लाखों जिंदगियों को बचाने में मदद मिल सकती है। टीकाकरण शेड्यूल जैसे अभियान इस स्थिति में परिवर्तन लाने और ज्यादा से ज्यादा लोगों को सुरक्षा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।’’