मुंबई। रत के करीब 4.3 लाख करोड़ रुपये के रोजमर्रा के इस्तेमाल की वस्तुओं (एफएमसीजी) (FMCG) के बाजार में इस कैलेंडर वर्ष के दौरान शेष एशियाई बाजारों के रुझानों के अनुरूप सुधार होने की उम्मीद है। बाजार अनुसंधान फर्म नीलसनआईक्यू ने आज यह अनुमान जाहिर किया। यह अनुमान बाजार अनुसंधान एजेंसी की ओर से चीन, भारत, कोरिया, सिंगापुर एवं थाईलैंड सहित एशियाई क्षेत्र के लिए जारी व्यापक परिदृश्य का हिस्सा है।
एफएमसीजी की वृद्धि को तगड़ा झटका लगा…
पिछले साल कोविड की रोकथाम के लिए लगाए गए देशव्यापी लॉकडाउन (Lockdown) से एफएमसीजी (FMCG) की वृद्धि को तगड़ा झटका लगा था। हालांकि जनवरी से मार्च 2020 की अवधि के दौरान इस बाजार में 3 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई लेकिन अप्रैल से जून की अवधि में उसमें 19 फीसदी की भारी गिरावट दर्ज की गई थी। नीलसन का कहना है कि अप्रैल से जून की अवधि में भारी गिरावट के बाद से ही बाजार में सुधार हो रहा है। सितंबर तिमाही के दौरान एफएमसीजी बाजार में 0.9 फीसदी की वृद्धि हुई जबकि दिसंबर तिमाही में 7.1 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। बाजार अनुसंधान एजेंसी ने कहा है कि जनवरी से मार्च 2021 की अवधि भी दमदार दिख रही है।
एफएमसीजी क्षेत्र की वृद्धि रफ्तार सुस्त पड़ गई
नीलसन आईक्यू एशिया के अध्यक्ष (Nielsen President of IQ Asia) (रिटेल इंटेलिजेंस) जस्टिन सर्जेंट ने कहा, ‘साल 2020 एक चुनौतीपूर्ण वर्ष था क्योंकि अधिकांश एशियाई बाजारों में एफएमसीजी क्षेत्र की वृद्धि रफ्तार सुस्त पड़ गई अथवा उसमें गिरावट दर्ज की गई। हमारा मानना है कि उसकी रफ्तार बढ़ेगी और इस साल सामान्य हो जाएगी।’
कोविड-19 की दूसरी लहर को देखते हुए कुछ कंपनियां इससे सहमत नहीं
हालांकि भारत में कोविड-19 (Covid-19) की दूसरी लहर को देखते हुए कुछ कंपनियां इससे सहमत नहीं हैं। पारले प्रोडक्ट्स के वरिष्ठ श्रेणी प्रमुख मयंक शाह ने कहा, ‘निश्चित तौर पर कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण जहां लॉकडाउन (Lockdown) संबंधी पाबंदियां बढ़ेंगी तो पैकेटबंद खाद्य पदार्थ एवं कंज्यूमर स्टेपल का प्रदर्शन अच्छा रहेगा। लेकिन विवेकाधीन श्रेणी को इससे तगड़ा झटका लगेगा क्योंकि लोगों का ध्यान गैर-जरूरी वस्तुओं के बजाय आवश्यक वस्तुओं पर केंद्रित होगा। इसलिए यदि श्रेणीवार देखा जाए तो एफएमसीजी की वृद्धि को रफ्तार मिलने की संभावना नहीं दिख रही है।’
पिछले साल पैंट्री लोडिंग में इजाफा हुआ था
यह रुझान देशव्यापी लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान पिछले साल दिखा था और जब पैंट्री लोडिंग में इजाफा हुआ था। साथ ही, घरेलू खपत भी बढ़ी, जिससे डिब्बाबंद भोजन और स्टैपल्स की वृद्घि को बढ़ावा मिला। दूसरी तरफ, पर्सनल केयर और आउट-ऑफ-होम श्रेणियां प्रभावित हुई थीं।
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