जयपुर। फ्लैट खरीदारों (Flats) को बड़ी राहत देते हुए सोमवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने एक आदेश में कहा कि अब पजेशन में देरी होने पर वे कंज्यूमर कोर्ट (Consumer Court) में भी मामला दर्ज कर सकते हैं और मुआवजा हासिल कर सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने कहा कि उपभोक्ता अदालतों को इस मामले में आदेश देने का अधिकार है.
पजेशन में देरी होने पर बिल्डर को मुआवजे का आदेश
सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने इस बात पर जोर दिया कि कोई भी उपभोक्ता अदालत किसी फ्लैट के पजेशन में देरी होने पर बिल्डर को मुआवजे का आदेश देने का अधिकार रखती है. गुड़गांव के एक प्रोजेक्ट के मामले में बिल्डर की दलील थी कि बॉयर्स ने रिफंड के लिए जो दावा किया वह कंज्यूमर कोर्ट में किया जबकि कंज्यूमर कोर्ट का जूरिडिक्शन नहीं बनता है बल्कि बायर्स को रेरा के तहत शिकायत करनी चाहिए.
फ्लैट की डिलिवरी नहीं होने के कारण परेशान उपभोक्ता
सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने बिल्डर कंपनी की दलील खारिज कर दी और कहा कि रेरा एक्ट में प्रावधान है कि अगर कोई कानूनी उपचार उपलब्ध है तो वह प्रभावित नहीं होगा. बिल्डर के अधूरे प्रोजेक्ट और समय पर फ्लैट की डिलिवरी नहीं होने के कारण परेशान उपभोक्ताओं के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने ये अहम फैसला दिया है.