नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) (आरबीआई) (RBI) से कहा है कि वह वित्त वर्ष 2021-22 में सरकार को ज्यादा लाभांश सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास करे। मंत्रालय (Finance Ministry) ने ज्यादा लाभांश उस समय मांगा है, जब दुनिया भर में ब्याज दरें नरम चल रही हैं। वित्त मंत्रालय ने आरबीआई से स्वर्ण मुद्रीकरण की संभावनाओं पर भी सलाह मांगी है। मंत्रालय और केंद्रीय बैंक के बीच चर्चा में आरबीआई ने मुद्रास्फीति के लक्ष्य में किसी तरह का बदलाव नहीं करने की सलाह दी है।
वर्ष 2022 के लिए 12.05 लाख करोड़ रुपये का उधारी कार्यक्रम
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) को आश्वस्त किया है कि वित्त वर्ष 2022 के लिए 12.05 लाख करोड़ रुपये का उधारी कार्यक्रम सुगमतापूर्वक संचालित होगा। इसे सुनिश्चित करने के लिए आरबीआई की टीम ने सरकार से मुद्रास्फीति प्रबंधन नीतियों में किसी तरह की नरमी नहीं बरतने और मौद्रिक नीति प्रारूप के तहत इसके लक्ष्य में भी किसी तरह का बदलाव नहीं करने को कहा है।
मौद्रिक नीति समिति को सालाना मुद्रास्फीति लक्ष्य
केंद्र सरकार (Central Government) आरबीआई (RBI) की सलाह से अगले महीने इसके लक्ष्यों की समीक्षा कर सकती है। 2016 में पारित मौद्रिक नीति प्रारूप के तहत आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति को सालाना मुद्रास्फीति लक्ष्य का पालन करना है। इस लक्ष्य को 4 फीसदी रखा गया है, जिसमें 2 फीसदी तक घट-बढ़ हो सकती है। इस पर मार्च में समीक्षा की जानी है लेकिन सीतारमण और दास के बीच चर्चा के बाद इसमें बदलाव की संभावना नहीं है।
संपत्तियों के निवेश में अमेरिकी बॉन्ड…विविधता लाने की सलाह
वित्त मंत्राी (Finance Minister) और आरबीआई गवर्नर (RBI Governor) के साथ दोनों विभागों के संबंधित अधिकारियों की बजट बाद बैठक मंगलवार को हुई थी। बैठक में वित्त मंत्रालय Finance Ministry) के अधिकारियों ने आरबीआई को अपनी संपत्तियों के निवेश में अमेरिकी बॉन्ड से इतर भी विविधता लाने की सलाह दी थी ताकि उस पर ज्यादा प्रतिफल हासिल हो सके। अन्य केंद्रीय बैंकों की तरह ही आरबीआई (RBI) भी अपने विदेशी मुद्रा भंडार का विभिन्न प्रतिभूतियों में निवेश करता है। इससे मिलने वाले प्रतिफल का आरबीआई के अर्जित मुनाफे में बड़ा हिस्सा होता है। बैंक इसी मुनाफे में से बड़ा हिस्सा केंद्र सरकार Central Government) को देता है।