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भारत में विफलता से वोडाफोन के खिसक जाएंगे आधे ग्राहक

मुंबई। भारतीय बाजार में बने रहें अथवा नहीं? वोडाफोन समूह अपने भारतीय संयुक्त उद्यम वोडाफोन आइडिया लिमिटेड (वीआईएल) के संदर्भ में फिलहाल इस लाख टके के सवाल से जूझ रहा है। करीब 50,000 करोड़ रुपये के एजीआर बकाये के भुगतान में विफल रहने पर सर्वोच्च न्यायालय की लताड़ लगने के बाद शनिवार को कंपनी ने कहा कि वह फिलहाल गणना कर रही है कि वह कितना भुगतान कर सकती है और सर्वोच्च न्यायालय में अगली सुनवाई से पहले कुछ भुगतान जरूर करेगी।

2007 में वोडाफोन ने हचिसन एस्सार का किया था अधिग्रहण

वर्ष 2007 में जब वोडाफोन पीएलसी के पूर्व सीईओ अरुण सरीन ने हचिसन एस्सार में बहुलांश हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया था तो उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा था कि उन्होंने उचित मूल्य पर यह परिसंपत्ति हासिल की है लेकिन उम्मीद की गई थी कि यह आगामी वर्षों में वोडाफोन पीएलसी को उल्लेखनीय योगदान करेगी। ऐसा हुआ भी, लेकिन उसकी राह कहीं अधिक चुनौतीपूर्ण हो गई। ग्राहक आधार के संदर्भ में वोडाफोन पीएलसी के लिए यह हीरों वाला ताज है। लेकिन वित्तीय मोर्चे पर ब्रिटेन की कंपनी के मुनाफे में इसने कोई वास्तवितक योगदान नहीं किया।

24 देशों में मौजूद वोडाफोन

दुनिया भर में वोडाफोन समूह का ग्राहक आधार 30 सितंबर 2019 तक 62.5 करोड़ था जिसमें उसके संयुक्त उद्यम एवं सहायक इकाइयां भी शामिल थीं। इस प्रकार वह ग्राहकों की संख्या के लिहाज से दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी बन गई। लंदन की इस कंपनी ने हमेशा से अपने वैश्विक विस्तार पर ध्यान दिया और अब वह 42 मोबाइल नेटवर्क एवं साझेदारी के साथ 24 देशों में मौजूद है।

आइडिया में वोडाफोन पीएलसी की 42 फीसदी हिस्सेदारी

वास्तव में वोडाफोन का करीब आधा ग्राहक आधार महज एक देश यानी भारत में है जहां आदित्य बिड़ला समूह के साथ उसका संयुक्त उद्यम वोडाफोन आइडिया है। इस संयुक्त उद्यम में वोडाफोन पीएलसी की 42 फीसदी हिस्सेदारी है और उसके ग्राहकों की संख्या करीब 33.6 करोड़ है। इस प्रकार ग्राहकों की संख्या के लिहाज से वोडाफोन आइडिया के बिना वोडाफोन समूह का आकार काफी घट जाएगा और वह भारती एयरटेल (41 करोड़ ग्राहक) एवं रिलायंस जियो (36.9 करोड़ ग्राहक) से भी छोटी हो जाएगी।

वोडाफोन का दूसरा सबसे बड़ा बाजार अफ्रीका

वोडाफोन का दूसरा सबसे बड़ा बाजार अफ्रीका है। जहां वह अपने संयुक्त उद्यम वोडाकॉम के जरिये कारोबार करती है। वोडाकॉम करीब 11.7 करोड़ ग्राहक आधार के साथ कई देशों में कारोबार कर रही है। वर्ष 2019 के लिए स्टैटिस्टा के आंकड़ों के अनुसार, ब्रिटेन में वोडाफोन के ग्राहकों की संख्या करीब 1.72 करोड़ है। जबकि जर्मनी में 2.95 करोड़ और स्पेन में करीब 1.37 करोड़ है। सरीन की उम्मीद के विपरीत वोडाफोन को भारत में अपने काफी निवेश को बट्टेखाते में डालना पड़ा। जिसका असर उसके वैश्विक वित्तीय नतीजे पर पड़ा। वर्ष 2010 और 2016 के बीच कंपनी को करीब 6,300 करोड़ रुपये को बट्टेखाते में डालना पड़ा। जो भारतीय अधिग्रहण की रकम का करीब दो-तिहाई है।

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