पाली. ग्रामीण भारत में लड़कियों की शिक्षा के लिए काम कर रही गैर-लाभकारी संस्था एजुकेट गर्ल्स ने अपने 17वें स्थापना दिवस के अवसर पर राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल से 10वीं कक्षा उत्तीर्ण करने वालीं 210 किशोरियों को सम्मानित किया। एजुकेट गर्ल्स का प्रगति कार्यक्रम शिक्षा से वंचित किशोरियों और युवा महिलाओं के लिए एक ‘दूसरा मौका’ कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य ओपन स्कूल प्रणाली द्वारा शिक्षा से वंचित किशोरियों और युवा महिलाओं को लाभान्वित करना और उन्हें सशक्त बनाना है।
प्रगति कार्यक्रम में, शिक्षा से वंचित किशोरियों और युवा महिलाओं को सर्वे के माध्यम से चिन्हित किया जाता है, साथ ही उन्हें शिक्षा से जोड़ने के लिए प्रेरित किया जाता है। इस कार्य को आगे ले जाने के लिए प्रगति प्रेरक, नींव और प्रयास शिविर के माध्यम से शिक्षार्थियों को अध्ययन कौशल सीखाते हैं और उन्हें सरकारी ओपन स्कूल प्रणाली द्वारा 10वीं कक्षा की परीक्षा देने के लिए सक्षम बनाते हैं।
समारोह की शुरुआत दीप प्रज्जवलन के साथ हुई। इसके बाद स्वागत गीत और नृत्य की प्रस्तुति हुई। शिक्षार्थियों ने लोकगीत के माध्यम से लड़कियों की शिक्षा के बारे में बताया। समारोह में मुख्य अतिथियों के रूप में श्री चंद्र प्रकाश जायसवाल (मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, पाली), सविता चौधरी (जिला कार्यक्रम प्रबंधक, पाली), श्रीमती नूतन बाला कपिला (सेवानिवृत्त निदेशक, शिक्षा विभाग, पाली) और श्री सावला राम मीणा (निदेशक) ने अपने विचार व्यक्त किए।
एजुकेट गर्ल्स के राजस्थान स्टेट हेड ब्रजेश कुमार सिन्हा ने कहा, “राजस्थान सरकार के सहयोग से हम पिछले 17 वर्षों से लड़कियों की शिक्षा के लिए काम कर रहे हैं। प्रगति के माध्यम से हम किशोरियों और युवा महिलाओं को ओपन स्कूल प्रणाली के माध्यम से शिक्षा से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। शिक्षा से वंचित किशोरियों और युवा महिलाओं को 10वीं कक्षा की परीक्षा के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से आज प्रगति ग्रेजुएशन समारोह में 210 किशोरियों और युवा महिलाओं को सम्मानित किया गया है।”
पाली के मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, पाली चंद्र प्रकाश जायसवाल ने कहा, “सरकार और उसकी नीतियों के साथ एनजीओ का सहयोग अत्यंत महत्वपूर्ण है। एजुकेट गर्ल्स ने लड़कियों की शिक्षा के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है और हमारे साथ हर कदम पर मजबूती से खड़े रहे हैं।”
पाली जिले से समारोह में उपस्थित रहने वाली शिक्षार्थी गुड्डी देवी ने उनके अनुभव को साझा करते हुए कहा, “मेरे बाबा के निधन के बाद मेरी शिक्षा रुक गई और पूरे समय घर पर रहने की वजह से मेरी पढ़ाई पूरी तरह छूट गई। लेकिन, एजुकेट गर्ल्स के प्रगति ने हमें आगे पढ़ने का अवसर दिया है। प्रगति शिविर में हमें 10वीं कक्षा पारित करने के लिए शिक्षा में सहायता प्राप्त हुई और आवश्यक शिक्षा सामग्री भी प्रदान की गई थी। हम पढ़-लिख कर खुद को सक्षम महसूस कर रहे हैं।”
एजुकेट गर्ल्स के बारे में
एजुकेट गर्ल्स एक गैर-लाभकारी संस्था है, जो राज्य सरकारों के साथ सहयोग करती है और ‘शिक्षा का अधिकार अधिनियम’ और ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ के अनुरूप भारत के ग्रामीण और शैक्षिक रूप से पिछड़े क्षेत्रों में लड़कियों की शिक्षा के लिए ग्राम समुदायों को संगठित करती है। 2007 से, राज्य सरकारों के साथ साझेदारी में, एजुकेट गर्ल्स ने राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार के 29,000 से अधिक गांवों में स्कूल नामांकन के लिए 18 लाख से अधिक लड़कियों को प्रेरित किया है।