नई दिल्ली। केंद्रीय खाद्य मंत्रालय (Union Food Ministry) ने एक दिन पहले अपने प्रस्तुतीकरण में कहा था कि वह पंजाब (Punjab Government) और हरियाण सरकार (Government Haryana) को 1 अप्रैल से शुरू होने वाले अगले खरीद सत्र के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) (एमएसपी) का भुगतान सीधे किसानों के खाते में करने के लिए कहेगी। इसके अगले ही दिन आज सरकार ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक भुगतान व्यवस्था से मौजूदा मंडियो और आढ़तियों के माध्यम से फसल की खरीद के लिए मौजूदा व्यवस्था खत्म नहीं होगी। इसके साथ ही सरकार ने कहा कि किसानों को पूरे एमएसपी का भुगतान इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से करने के लिए राज्यों को और मोहलत नहीं दी जाएगी।
पंजाब और हरियाणा में अनाज का कोटा
पंजाब और हरियाणा में केंद्र तथा राज्य की एजेंसियां अपने अनाज का कोटा मुख्य रूप से मंडियों और आढ़तियों के जरिये पूरा करती है। हालांकि किसानों के एक वर्ग का कहना है कि नए कृषि कानूनों के लागू होने से सरकारी खरीद पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। केंद्र ने यह भी स्पष्ट किया कि पंजाब और हरियाणा में 2015-16 से आंशिक तौर पर किसानों को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से एमएसपी का भुगतान किया जा रहा है लेकिन ये समय-समय पूरी व्यवस्था को ऑनलाइन बनाने में रियायत की मांग करते रहे हैं। मंत्रालय ने कहा, ‘इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से एमएसपी का भुगतान करने से पैसे की गड़बड़ी नहीं होती है और भुगतान में भी देरी नहीं होती है। हालांकि नई प्रणाली के लागू होने से मंडियों और आढ़तियों के जरिये फसल खरीद की मौजूदा व्यवस्था खत्म नहीं होगी।’
भुगतान सीधे ऑनलाइन प्राप्त होगा
सरकार ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से भुगतान से किसानों, आढ़तियों और मंडियों सहित सभी भागीदारों का अपना भुगतान सीधे ऑनलाइन प्राप्त होगा जिससे पारदर्शिता आएगी और भुगतान पर नजर भी रखी जा सकती है। बयान में कहा गया, ‘ऑनलाइन खरीद व्यवस्था किसानों के लिए ज्यादा पारदर्शी और सुविधाजनक है क्योंकि इसमें समुचित पंजीकरण और वास्तविक खरीद की निगरानी की जाती है। किसानों से उनकी उपज ऑनलाइन खरीदने के लिए सभी राज्यों को प्रोत्साहित किया गया है।’ खरीद एजेंसियों द्वारा ई-खरीद मॉड्यूल लागू करने से किसानों को घोषित एमएसपी, निकटवर्ती क्रय केंद्र, किसानों को किस दिन अपनी फसल क्रय केंद्र में लानी है, उसकी अद्यतन जानकारी मिलती है।
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